भभुआ सदर. सोमवार को सीएस डॉ चंदेश्वरी रजक की अध्यक्षता और अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी शांति कुमार मांझी के दिशा-निर्देश में परिवार विकास अभियान के तहत समन्वय बैठक आयोजित की गयी. बैठक का संचालन जिला कार्यक्रम प्रबंधक ऋषिकेश जायसवाल ने किया. बैठक में बताया गया कि मातृ मृत्यु दर कम करने और समाज में स्वस्थ प्रजनन व्यवहार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जिले में सोमवार 1 सितंबर से मिशन परिवार विकास अभियान की शुरुआत हो चुकी है. यह अभियान 20 सितंबर तक दो चरणों में पूरा होगा. अभियान को सफल बनाने के लिए विभाग की ओर से सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं. इसमें योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधन अपनाने के लिए प्रेरित किया जायेगा. बैठक में आइसीडीएस विभाग से जिला परियोजना पदाधिकारी, जिला लेखा प्रबंधक प्रभात कुमार, जिला मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी मधुसूदन कुमार, सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, सामुदायिक उत्प्रेरक, अनुश्रवण समन्वयक, प्रखंड परियोजना पदाधिकारी और लेडी सुपरवाइजर मौजूद रहे. वहीं पीरामल फाउंडेशन से प्रोग्राम लीडर अमलेश कुमार, गांधी फैलो कस्तूरी और पारुल ने भी सहयोग किया. एक सितंबर से दो चरणों में चलेगा अभियान मिशन परिवार विकास अभियान का पहला चरण 1 सितंबर से 7 सितंबर तक दंपती संपर्क सप्ताह के रूप में चलेगा. इस दौरान एएनएम, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और आशा कर्मी लोगों को परिवार नियोजन सेवाओं की जानकारी देंगे और सामुदायिक आवश्यकता मूल्यांकन प्रपत्र भरवाएंगे, ताकि इच्छुक दंपतियों को समय पर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके. आठ से 20 सितंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवारा दूसरा चरण 8 सितंबर से 20 सितंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवारा होगा. इसमें राज्य स्तर से 1320 महिला बंध्याकरण और 60 पुरुष नसबंदी का लक्ष्य तय किया गया है. इसके लिए सभी प्रखंडों में फिक्स डे सर्विस के तहत निःशुल्क सेवा दी जायेगी. सेवा पखवारे में जागरूकता पर जोर दिया जायेगा सही उम्र में विवाह, विवाह के बाद कम से कम 2 साल बाद पहला बच्चा, बच्चों में कम से कम 3 साल का अंतराल और प्रसव या गर्भपात के बाद परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने की जानकारी दी जायेगी. इस अवधि में स्वास्थ्यकर्मी, आशा, आंगनबाड़ी सेविकाएं और विकास मित्र समुदाय के बीच पहुंच बनाकर परिवार नियोजन के प्रति जनजागरूकता बढ़ायेंगे. साथ ही ग्राम चौपाल और एचडब्ल्यूसी स्तर पर जनप्रतिनिधियों के साथ बैठकें आयोजित होंगी, जिनमें लोगों को परिवार नियोजन के महत्व पर जागरूक किया जायेगा.
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