कसमार, कसमार थाना क्षेत्र अंतर्गत मुरहुलसूदी पंचायत के भुरसाटांड़ के पांच साल पुराने हत्या के एक मामले में बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश-3, तेनुघाट की अदालत ने आरोपी संतोष गंझू, भुनेश्वर गंझू, अरुण गंझू व किशोर गंझू को शख्स के अभाव में आदेश दिया है, जबकि वासुदेव मुंडा को इस मामले में दोषी करार दिया गया है. सजा के लिए अगली तिथि निर्धारित की है. इन चारों अभियुक्तों की ओर से मामले की पैरवी अधिवक्ता रितेश कुमार जायसवाल ने की. मालूम हो कि भुरसाटांड़ निवासी जुलेस गंझू ने 20 जून 2020 को कसमार थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. बताया था कि 19 जून की सुबह छह बजे उनके पिता सुखदेव गंझू बैल चराने जंगल गये थे, लेकिन लौट के नहीं आए. दूसरे दिन सुबह आठ बजे बरवाडहर जंगल के नाला में उनका शव बरामद हुआ था. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि उनेके पिता की हत्या पत्थर से मार कर की गयी थी. उनके साथ मुहल्ले के कुछ लोगों का सरस्वती पूजा व एक लड़का-लड़की के प्रेम विवाह को लेकर झगड़ा हुआ था. जिसमें जान से मारकर फेंकने की धमकी दी गयी थी. इस आधार पर 18 लोगों को नामजद बनाया गया था. मामले में पुलिस ने चार लोगों संतोष गंझू, अरुण गंझू, किशोर गंझू, एवं भुवनेश्वर गंझू को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जबकि वासुदेव मुंडा घटना के दिन से फरार था. बाद में वह पकड़ा गया और उसने पुलिस और ग्रामीणों के समक्ष बयान दिया कि उसकी पत्नी के साथ अवैध संबंध के कारण उन्होंने सुखदेव गंझू की हत्या की थी. आरोप पत्र समर्पित होने के बाद मामला अपर सत्र न्यायाधीश – तृतीय, तेनुघाट की अदालत में गया. पांचों अभियुक्तों पर धारा 307 के तहत आरोप गठन होने के बाद 11 गवाह प्रस्तुत किए गए. गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने चारों अभियुक्तों को रिहा करने का आदेश दिया. इन चारों अभियुक्तों की ओर से मामले की पैरवी अधिवक्ता रितेश कुमार जायसवाल ने की.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

