कोलकाता.
सोमवार की देर रात मूसलाधार बारिश ने महानगर व राज्य के अन्य हिस्सों को अस्त-व्यस्त कर दिया. जलजमाव और जनजीवन ठप पड़ने के साथ ही कुछ लोगों की करंट लगने से मौत भी हुई. इन घटनाओं को लेकर राज्य की मुख्य विपक्षी दल भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप दौर जारी है. भाजपा के नेता शुभेंदु अधिकारी व अमित मालवीय ने बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित होने और लोगों की हुई मौत को लेकर राज्य सरकार व प्रशासन की आलोचना की है. उनका आरोप है कि राज्य सरकार की नाकामी और कुप्रबंधन के कारण ही महानगर व राज्य के अन्य जगहों की ऐसी विषम स्थिति हुई. भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की है. वहीं, तृणमूल के नेताओं ने भाजपा के नेतागण पर आरोप लगाया है कि प्राकृतिक आपदा की घड़ी में भी वे संवेदना दिखाने के बजाय ‘लाश की राजनीति’ कर रहे हैं. राज्य की मंत्री व तृणमूल नेता चंद्रिमा भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि “भाजपा जनता की पीड़ा को नजरअंदाज कर केवल राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है.” तृणमूल के प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि “सोमवार की रात लगभग चार घंटों में इतनी मूसलाधार बारिश हुई, जितना 40 वर्षों में भी नहीं हुआ था. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में प्रशासन ने एहतियात कदम उठाये. यह काफी शर्मनाक है कि प्राकृतिक आपदा और विषम हालात में भी लोगों की परेशानी को लेकर भाजपा व अन्य विपक्षी दल राजनीति कर रहे हैं. हाल ही में उत्तर प्रदेश के नोएडा, गुजरात के सूरत और महाराष्ट्र के मुंबई में थोड़ी बारिश में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया था. उस वक्त क्या भाजपा नेताओं ने उन राज्यों के मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की थी? विपक्षी दलों के नेता प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों की मदद करने की बजाय राजनीति करने से चूक भी नहीं रहे हैं.”तृणमूल नेता देबांग्शु भट्टाचार्य ने उपरोक्त मुद्दे पर भाजपा आइटी सेल प्रमुख अमित मालवीय पर करारा हमला बोला है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मालवीय जी को पता है कि इतने कम समय में कोलकाता में कितनी भीषण बारिश हुई है? भट्टाचार्य ने कहा कि “कुछ ही दिनों पहले दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे और सूरत जैसे बड़े शहरों में भी भारी बारिश और जलजमाव की स्थिति बनी थी. उस दौरान सोशल मीडिया पर इसके तमाम वीडियो सामने आये थे. क्या उन हालात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिम्मेदार थे? क्या भाजपा ने तब कोई जिम्मेदारी ली थी? कोलकाता में इस स्तर की बारिश 40 सालों के बाद हुई, लेकिन तब यह दो से तीन दिनों में दर्ज की गयी थी. इस बार इतनी ही बारिश केवल चार घंटे में हो गयी.” उन्होंने भाजपा पर दोहरे रवैये का आरोप लगाते हुए कहा कि “जब देश के अन्य हिस्सों में बाढ़ आती है, तो भाजपा प्रभावित शहरों और राज्यों के लिए प्रार्थना संदेश देती है. लेकिन जब यही स्थिति पश्चिम बंगाल में आती है, तब यहां की राज्य सरकार पर उंगली उठाने लगती है. बंगाल की जनता इस तरह की राजनीति को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी.”डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

