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भारतीय साहित्य ही विश्व के रचना संसार का आधारशिला

दीपक 21

विवि में हिंदी विभाग में रिफ्रेशर कोर्स का उद्घाटन

बीपीएससी के सदस्य प्रोफेसर अरुण ने रखे विचार

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

बीपीएससी के सदस्य व साहित्यकार प्रो अरुण कुमार भगत ने

दीपक 21

विवि में हिंदी विभाग में रिफ्रेशर कोर्स का उद्घाटन

बीपीएससी के सदस्य प्रोफेसर अरुण ने रखे विचार

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

बीपीएससी के सदस्य व साहित्यकार प्रो अरुण कुमार भगत ने कहा कि भारतीय साहित्य, सही मायनों में विश्व के रचना संसार का आधारशिला है. जो साहित्य वसुधैव कुटुंबकम् के भाव से प्रेरित है, वही साहित्य सार्वभौम व सार्वकालिक है. मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र व बीआरएबीयू के हिंदी विभाग ने रिफ्रेशर कोर्स का उद्घाटन हुआ.

विश्व में भारतीय साहित्य महत्त्व

अध्यक्षता वीसी प्रो दिनेशचंद्र राय ने की. मुख्य वक्ता साहित्यकार नंदकिशोर आचार्य ने भारतीय साहित्य की संकल्पना स्पष्ट की. संस्थान के निदेशक प्रो विनय शंकर राय व विभाग की अध्यक्ष प्रो सुधा ने कोर्स की जानकारी रखी. कोर्स के समन्वयक प्रो प्रमोद कुमार ने ””””भारतीय साहित्य की संकल्पना”””” विषय पर चर्चा की. कुलपति ने रवींद्रनाथ टैगोर, गोस्वामी तुलसीदास व रामधारी सिंह दिनकर का उद्धृत करते हुए कहा कि भारतीय साहित्य विश्व में अपना महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है.

मातृभाषा में ही शुद्ध सृजन

कुलसचिव प्रो समीर शर्मा ने कहा कि मातृभाषा में ही शुद्ध सृजन की संभावना रहती है. संचालन उपनिदेशक डॉ राजेश्वर कुमार, प्रो सतीश राय, प्रो जयकांत सिंह, प्रो आशा, डॉ सुशांत, डॉ राकेश रंजन, डॉ रमेश गुप्ता, डॉ अमर बहादुर शुक्ल सहित अनेक शोधार्थी उपस्थित थे.

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