रांची (वरीय संवाददाता). भाजयुमो के पूर्व अध्यक्ष किसलय तिवारी ने झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) में बड़े पैमाने पर उच्च स्तरीय पदों के सृजन को लेकर सवाल उठाये हैं. कहा है कि मुख्यालय स्तर पर 14 नये चीफ इंजीनियर एवं एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर तथा 19 सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के पद नवसृजित किये गये हैं. जबकि कनीय अभियंता, सहायक अभियंता और कार्यपालक अभियंता जैसे महत्वपूर्ण पदों में कोई वृद्धि नहीं की गयी है.उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उच्च अधिकारियों के पद सृजित करने की बुनियाद केवल पैसे और पैरवी पर टिकी है. श्री तिवारी ने मुख्यमंत्री से इस घोटाले की जांच सीबीआइ और इडी से कराने की मांग की है. श्री तिवारी ने कहा कि कनीय अभियंता से लेकर कार्यपालक अभियंता तक के पद ही विभागीय कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने और जनहित में सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वर्तमान में इस स्तर के पूर्व सृजित पदों में से लगभग 70 प्रतिशत पद रिक्त पड़े हैं, जिससे जमीनी स्तर पर कार्य संचालन प्रभावित हो रहा है. इसके विपरीत, वरीय अभियंताओं के पद मुख्य रूप से निरीक्षण एवं निर्देशन से जुड़े होते हैं. ऐसे में बिना उचित अनुपातिक पद्धति को अपनाये केवल वरीय पदों के सृजन को प्राथमिकता देना, विभागीय नीतियों और जनहित के दृष्टिकोण से उचित नहीं है. पिछली रघुवर दास की सरकार के कार्यकाल में कनीय अभियंता एवं सहायक अभियंता की नियुक्ति हुई थी. उसके बाद कोई भी नियुक्ति नहीं हुई.
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