पंजीकरण के बाद ही कलाकारों को मिलेगा अन्य योजनाओं का लाभ कलाकारों को मिलेगी यूनिक आइडी, सरकारी कार्यक्रम में मिलेगा मौका उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर सूबे के कला संस्कृति विभाग के पोर्टल पर जिले के 75 कलाकारों ने अपना पंजीकरण किया है. विभाग ने कलाकारों को खुद से पंजीकरण करने की सुविधा दी है. इससे कलाकारों को कई सारे लाभ मिलेंगे. पंजीकरण के बाद ही उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा. इसके लिए सबसे पहले कलाकारों को सबसे पहले कला संस्कृति व युवा विभाग के साइट पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण करना है. पंजीकृत कलाकार ही हर महीने तीन हजार पेंशन के लिए मुख्यमंत्री पेंशन योजना का फॉर्म भर पायेंगे. पंजीकृत कलाकारों को एक यूनिक आइडी प्रदान की जायेगी, जो सरकारी योजनाओं, पुरस्कारों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और सांस्कृतिक आयोजनों में भाग लेने के लिए आवश्यक होंगी. इसके अलावा वाद्य यंत्रों के खरीद पर वित्तीय सहायता भी मिलेगी. कला संस्कृति विभाग अधिक संख्या में कलाकारों को पंजीकृत करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. सालाना 1.20 लाख की आय हो तो हर महीने मिलेंगे तीन हजार मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना के तहत सालाना 1.20 लाख आय हो तो कलाकारों को तीन हजार पेंशन दी जायेगी. इसके लिए उन्हें पंजीकरण के बाद पेंशन फॉर्म भर कर कला संस्कृति विभाग में जमा कराना होगा. जिला स्तर पर बैठक में स्वीकृति के बाद इसे पटना भेजा जायेगा. वहां से स्वीकृत होने पर कलाकारों को हर माह तीन हजार पेंशन मिलेगी. इसके अलावा गंभीर रूप से बीमार या दुर्घटना में घायल कलाकार इलाज के लिए कलाकार कल्याण योजना से दो लाख की राशि प्राप्त करने के योग्य होंगे. पंजीकृत कलाकारों को वाद्य यंत्र खरीदने के लिए भी इस कोष से राशि उपलब्ध करायी जायेगी. कलाकारों को पंजीकृत कराने के लिए बिहार कलाकार संघ कलाकारों को प्रोत्साहित कर रहा है. अध्यक्ष सोनू सिंह ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के अधिकतर कलाकार इस योजना के बारे में नहीं जानते हैं. उनके बीच जाकर उनका पंजीकरण कर रहे हैं. वर्जन कलाकारों में जागरूकता आ रही है और वह अपना पंजीकरण कर रहे हैं. पंजीकृत कलाकार ही किसी अन्य योजना के योग्य माने जायेंगे. विभाग की साइट पर खुद से पंजीकरण करने की सुविधा दी गयी है. अधिक संख्या में कलाकार अपना पंजीकरण कराये, इसकी पहल विभाग की ओर से की जा रही है. रेडलाइट एरिया में भी इसके लिये जागरूकता चलायी जायेगी – सुष्मिता झा, कला संस्कृति पदाधिकारी
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