रांची : रेडियो धूम की हेल्थ काउंसिलिंग में शुक्रवार को ऑर्किड मेडिकल सेंटर के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ वरुण कुमार ने श्रोताओं को हृदय रोग व हाइपर टेंशन से बचाव व उसके लक्षण के बारे में बताया. डॉ वरुण ने बताया कि कई रिस्क फैक्टर होते हैं, जिससे हार्ट अटैक हो सकता है. डायबिटिज, कोलेस्ट्रॉल व स्ट्रेस मेजर फैक्टर होते हैं. इसके अलावा खान-पान में जो बदलाव की वजह से धमनियों को कमजोर करता है, उन पर खराब असर डालता है. ओबेसिटी या मोटापा भी एक कारण है. खास कर युवा मोटापा के शिकार हो रहे हैं. हार्ट अटैक के लिए ये सब रिस्क फैक्टर्स हैं.
सीने में दर्द, पसीना, सांस फूलना व बेहोशी है लक्षण
डॉ वरुण ने हार्ट अटैक के लक्षण के बारे में भी श्रोताओं को जानकारी दी. सीने में दर्द, पसीना, सांस फूलना और बेहोशी इनमें से कुछ भी परेशानी होती है तो इसे नजरअंदाज नहीं करें. उन्होंने बताया कि अटैक के 12 घंटे के अंदर एंजीयोप्लास्टी की जाये, तो बेहतर है. यदि एंजीयोप्लास्टी की सुविधा नहीं है, तो ब्लड क्लॉड को तोड़ने के लिए दवाइयां उपलब्ध हैं ताकि रक्त प्रवाह फिर से शुरू हो जाये. ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए दिनचर्या में बदलाव लाने की जरूरत है. नियमित व्यायाम करें. योग भी करें. जंक फूड से दूर रहें. तेल, घी, मक्खन और मलाई का सेवन ज्यादा न करें. फल-सब्जी का सेवन अधिक करें. डॉ वरुण ने बताया कि 33 प्रतिशत शहरी व 25 प्रतिशत ग्रामीण आबादी हाइपर टेंशन से ग्रसित हैं. लोगों को जागरूक करना जरूरी है. डॉ वर्मा से ऑर्किड मेडिकल सेंटर में संपर्क कर सकते हैं.