बथुआ साग में आयरन, विटामिन-ए, कैल्शियम, फास्फोरस और पोटैशियम काफी अधिक होता है. गुर्दे तथा पेशाब संबंधी समस्याओं में यह विशेष रूप से लाभदायक है.
सामग्री
गेहूं आटा दो कप
बथुआ 400 ग्राम
जीरा पाउडर 1 टी-स्पून
लाल मिर्च पाउडर 1 टी-स्पून
अदरक 1/2 इंच
लहसुन 4 कलियां
हरी मिर्च 2
अजवायन 1/2 टी-स्पून
हींग 1/2 टी-स्पून
घी 2 टेबल स्पून
नमकस्वादानुसार.
बनाने की विधि
सबसे पहले बथुआ साग की पत्तियों को डंठल से अलग करके अच्छी तरह धो लें और छलनी में डाल कर रख दें, ताकि उसका पानी निथर जाये. फिर उन पत्तियों को चॉपिंग ट्रे पर रख कर तेज धार वाले चाकू से बारीक काट लें. एक बड़े गहरे बर्तन में बथुआ की कटी हुई पत्तियों में अदरक, लहसुन और हरी मिर्च को काट कर डालें. नमक, लाल मिर्च पाउडर और जीरा पाउडर मिलाएं. कुछ देर रख कर छोड़ दें. जब उसमें पानी छूट जाये, तो साग को निचोड़ कर अलग रख लें. अब एक बर्तन में आटा लेकर उसमें एक चम्मच घी, नमक और अजवायन डाल कर मिलाएं. बथुए के पानी की सहायता से कड़ा आटा गूंथ लें. जरूरत पड़ने पर सादा पानी भी डाल सकती हैं. गूंथे आटे को आठ बराबर भागों में बांट कर लोई बना लें. इन लोइयों को बीच से गहरा करके एक चम्मच बथुए का मिश्रण भरें और ऊपर से मुंह बंद कर दें. फिर सूखा आटा लगा कर मनचाहे आकार में बेल लें. अब तवा गर्म करके उसके चारों ओर घी लगाएं और बेले गये परांठों को एक-एक कर दोनों ओर से धीमी आंच पर सुनहरा सेंक लें. इन परांठों को दही, टमाटर की चटनी या फिर सॉस के साथ खा सकती हैं.