अब सोना नहीं रहा ‘सोणा’
कुछ समय पहले तक महिलाएं किसी शादी या समारोह में जाने के लिए गोल्ड ज्वेलरी पहनना प्रेफर करती थी, लेकिन अब इनसे उनका मोह भंग हुआ है़ अब ट्रेडिशनल गोल्ड ज्वेलरीज की जगह कस्टमाइज्ड पोलकी, कुंदन, क्रिस्टल और सेमी-प्रिशियस स्टोन ज्वेलरी ने ले ली है. कलर वेरायटी होने के कारण इन ज्वेलरीज को ड्रेस के साथ मैच करना आसान है.
रीसेल वैल्यू होती है कम
गोल्ड की कीमतें पिछले कुछ समय से आसमान छू रही है. एेसे में हर फंक्शन या ड्रेस के हिसाब से गोल्ड ज्वेलरी अफोर्ड करना हर किसी के वश की बात नहीं है. ऐसे में महिलाओं को कॉस्ट्यूम जूलरी का ऑप्शन ही बेस्ट लगता है. समय के साथ गोल्ड की कीमत बढ़ती जाती है, लेकिन कॉस्ट्यूम जूलरी की रीसेल वैल्यू कम होती जाती है. इसी कारण इन ज्वेलरीज को खरीदने की बजाय इन्हें रेंट पर लेना बेहतर है.
हर ड्रेस के साथ नहीं है मैच
कॉस्ट्यूम ज्वेलरी के साथ मुश्किल यह है कि कलर, मैटेरियल और डिजाइन के लिहाज से भी ये हर ड्रेस के साथ मैच नहीं करते. ऐसे में इन्हें खरीदने से अच्छा है- इन्हें रेंट पर लेना, ताकि एक बार यूज करने के बाद उन्हें वापस किया जा सके. इस तरह से हर बार आपको नयी ज्वेलरी पहनने का मौका मिल सकता है और उनका इंप्रेशन भी लॉन्ग-लास्टिंग बना रहता है.
सिक्योरिटी डिपॉजिट करना जरूरी : किसी भी तरह की ज्वेलरी को रेंट पर लेने के लिए सिक्यॉरिटी के तौर पर कुछ पैसे जमा करवाने पड़ते हैं. ज्वेलरी वापस करने पर वो पैसे वापस मिल जाते हैं. कई शॉप्स होम डिलिवरी की सुविधा भी देते हैं.
कम खर्च में पसंद के गहने
आजकल जिस तरह से लूट की घटनाएं बढ़ रही हैं, वैसे में गोल्ड या डायमंड ज्वेलरी पहनना खतरे से खाली नहीं है. ऐसे में महंगे गोल्ड ज्वेलरीज खरीद कर उन्हें लॉकर में रखने से बेहतर है कि कम खर्च में कॉस्ट्यूम ज्वेलरीज किराये पर ले लिए जायें. इसमें गहनों को सेफ रखने की टेंशन भी नहीं होगी. पार्टी-फंक्शन के ऐसी ज्वेलरी सेट 200 से 250 रुपए में , जबकि ब्राइडल सेट 500 से 800 रुपये रोजाना के रेंट पर मिल जाते हैं.