पटना : धनतेरस के दिन बाजार में गजब की रौनक दिखी. रविवार को धनतेरस पर लोगों ने बर्तन, ज्वैलरी, पटाखे, झालर व सजावट के सामान की जमकर खरीदारी की. बर्तनों की दुकानों में इस कदर भीड़ रही कि ग्राहक मोल भाव तक नहीं कर पा रहे थे. दुकानदार जो दे दे रहा था, वही ग्राहक को लेना पड़ रहा था. दीपावली को लेकर उपहार देने को मिठाई की अपेक्षाकृत डिब्बा बंद गिफ्ट पैक की खरीदारी अधिक हो रही थी. बिजली की झालरों व सजावट आदि सामान की दुकानों पर भारी भीड़ रही. धनतेरस पर बाजार में देर रात तक रौनक दिखी. बच्चों का ज्यादा ध्यान पटाखों की दुकान की तरफ रहा, वहीं युवतियों ने घरों को सजाने के लिए बिजली की झालर, फूलों के गुलदस्ते व अन्य सामान खरीदा.
सजावट की चीजों की हुई अधिक बिक्री
दीपावली और धनतेरस को देखते हुए शहर के मुख्य बाजार में अधिक भीड़-भाड़ देखी गयी. इस अवसर पर डेकोरेटिव आइटम से लेकर मूर्तियों की भी लोगों ने खूब खरीदारी की. तोरण और झालर की बिक्री बहुत ज्यादा हुई. दीपावली के अवसर लोग घर को सजाने के लिए कई बेहतरीन लाइट व कंदील की भी खरीदारी की. बोरिंग रोड की विशाखा कहती हैं कि दीपावली के मौके पर तोरण खरीदना जरूरी होता है. क्योंकि लोग हर साल अपने दरवाजे की तोरण को बदलते हैं.
टेरा कोटा का आइटम है खास
वैसे तो दीपावली के बाजार में हर तरह का सामान उपलब्ध है लेकिन ग्राहकों को टेराकोटा की आइटम ज्यादा आकर्षित कर रही है. ऐसे में एक जोड़ा घोड़ा हो या शहनाई बजाते व्यक्तियों की झूंड या फिर दीये की थाल, इन चीजों पर नजर पड़ते ही लोगों ने इसकी खरीदारी की. टेराकोटा के अलावा यहां हर तरह की मिट्टी के दीये उपलब्ध है.
महंगी होने के बावजूद होती है बिक्री
लक्ष्मी की मूर्ति: 100 से पांच हजार रुपये
तोरण : 100 से 600 रुपये पर पीस
बल्ब लगाने वाला मिट्टी का लैंप: 150 से 800 रुपये
टेराकोटा का घोड़ा: 400 से 6 हजार रुपये जोड़ा
टेराकोटा का फ्लावर पॉट: 200 से दो हजार रुपये
डिजाइनर दीया: 50 से 500 रुपये
झालर: 150 से 800 रुपये
शहनाई बजाते व्यक्ति की मूर्ति: 200 के एक हजार रुपये पर पीस
हैंगींग लैंप और दिया: 200 से 400 रुपये
लालटेन: 250 से 600 रुपये
डिजाइनर आईना: 350 से 500 रुपये