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AC के इस्तेमाल में सतर्कता भी है जरूरी

हाल ही में चेन्नई में एक परिवार के तीन लोगों की मौत एयरकंडीशनर (एसी) से लीक हुई जहरीली गैस के कारण हो गयी. एसी की वजह से जान को खतरे का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी एसी के कंप्रेशर फटने की वजह से लोगों की जान जा चुकी है. कई बार घरों […]

हाल ही में चेन्नई में एक परिवार के तीन लोगों की मौत एयरकंडीशनर (एसी) से लीक हुई जहरीली गैस के कारण हो गयी. एसी की वजह से जान को खतरे का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी एसी के कंप्रेशर फटने की वजह से लोगों की जान जा चुकी है. कई बार घरों और दफ्तरों में एसी से लोगों को सिर दर्द, सांस लेने में दिक्कतें हुई हैं. इस बारे में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (CSE) में प्रोग्राम मैनेजर अविकल सोमवंशी का कहना है कि पहले के मुकाबले मॉर्डन एसी में कम जहरीली गैसों का इस्तेमाल होता है.

अभी भारत में जिस गैस का इस्तेमाल होता है, वह हाइड्रो फ्लोरो कार्बन है. कुछ कंपनियों ने प्योर हाइड्रो कार्बन के साथ एसी बनानी शुरू की हैं. पूरी दुनिया में इसी गैस के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है.

CSE के अनुसार, यदि आपके घर का एसी लीक हो रहा है, तो यह पता करना मुश्किल होता है, क्योंकि एसी की गैस की कोई गंध नहीं होती. कुछ बातों पर ध्यान दिया जा सकता है, जैसे- एसी की फिटिंग सही हो, पाइप सही से काम करें, एसी की ट्यूब में जंग न लगी हो, एसी अच्छे से ठंडा नहीं कर रहा हो आदि.

यदि ऐसा कुछ भी हो, तो उसे रिपेयर कराएं और साल में एक बार अच्छे मैकेनिक से सर्विस भी कराएं. दिन में एक बार कमरे की खिड़कियां जरूर खोलें. सुबह जब आप एसी बंद करें, तो खिड़कियां-दरवाजें खोल दें. यदि ऑफिस में लगातार एसी में बैठे हों, तो कुछ देर बाहर टहल लें.

साभार : बीबीसी

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