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जानें दादी-नानी के घरेलू नुस्खों के बारे में
दैनिक जीवन में लोग कई छोटी-छोटी समस्याओं का सामना करते हैं और इलाज के तौर पर एलोपैथिक दवाएं लेते हैं. इसका साइड इफेक्ट भी हो सकता है, जबकि बुजुर्गों के बताये कई नुस्खे हैं, जो सदियों से आजमाये जा रहे हैं और बेहद प्रभावी भी हैं. जानिए कुछ उपाय. मौसम बदलने पर जुकाम-बुखार जैसी समस्याएं […]
दैनिक जीवन में लोग कई छोटी-छोटी समस्याओं का सामना करते हैं और इलाज के तौर पर एलोपैथिक दवाएं लेते हैं. इसका साइड इफेक्ट भी हो सकता है, जबकि बुजुर्गों के बताये कई नुस्खे हैं, जो सदियों से आजमाये जा रहे हैं और बेहद प्रभावी भी हैं. जानिए कुछ उपाय.
मौसम बदलने पर जुकाम-बुखार जैसी समस्याएं होती हैं. ऐसे में गेंदे के फूल का उपयोग उपचार के तौर पर कर सकते हैं. गेंदे के फूल में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं, गेंदे के फूलों की चाय पीने से बुखार ठीक हो जाता है.
गेंदे के फूल का प्रयोग मुंह और मसूड़ों की समस्याओं में भी कर सकते हैं.पपीते के पत्ते का रस डेंगू फीवर के ड्यूरेशन को कम करता है. बॉडी से फ्लूइड लीक नहीं होने देता और वाइट ब्लड सेल्स व प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाता है. बुखार के पहले दिन से ही पपीते के पत्ते का रस लें.बकरी का दूध सुपाच्य होता है. यह डेंगू के बुखार से निकलने में काफी कारगर है.
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