यरुशलम : ग्रीन टी और रेड वाइन में मौजूद घटक व्यक्ति के विकास एवं मानसिक रोग जैसे गंभीर विकारों को फैलाने में सहायक विषैले अणुओं के निर्माण को अवरुद्ध करने में मदद कर सकते हैं.
एक अध्ययन में यह पाया गया कि ग्रीन टी एवं रेड वाइन से निश्चित जन्मजात मेटाबोलिक रोगों के निदान में मदद मिल सकती है. अनुवांशिक मेटाबोलिक विकारों से ग्रस्त अधिकतर लोगों में जन्म से ही दोषपूर्ण जीन होते हैं जिसके परिणामस्वरूप एंजाइम की कमी हो जाती है.
उपचार के अभाव में जन्मजात मेटाबोलिक विकारों से ग्रस्त मरीजों को निश्चित रूप से आजीवन सख्त जीवनशैली एवं संतुलित आहार का पालन करना चाहिए. यह अध्ययन कम्युनिकेशंस केमिस्ट्री नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
इसमें पाया गया कि ग्रीन टी एवं रेड वाइन में स्वाभाविक रूप से मौजूद निश्चित घटक विषैले मेटाबोलाइट के निर्माण में अवरोधक हो सकते हैं. इस्राइल में तेल अवीव यूनिवर्सिटी (टीएयू) से एहूद गजट की अगुवाई में अनुसंधानकर्ताओं ने दो घटकों : एपिगैलोकैटेचिन गैलेट (ईजीसीजी) एवं टैनिक एसिड पर विचार किया.