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जेस्टेशनल डायबिटीज में बरतें सावधानी

शोध के अनुसार जो गर्भवती महिलाएं गर्म स्थानों में रहती हैं, उनमें गर्भावस्था में होनेवाले जेस्टेशनल डाइबिटीज की संभावना 7.7 प्रतिशत तक अधिक रहती है, जबकि ठंडे स्थानों में रहनेवाली महिलाओं में यह संभावना 4.6 प्रतिशत तक होती है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को इस अवस्था में अपने डायट और एक्सरसाइज पर ध्यान देना चाहिए. दोमहीने […]

शोध के अनुसार जो गर्भवती महिलाएं गर्म स्थानों में रहती हैं, उनमें गर्भावस्था में होनेवाले जेस्टेशनल डाइबिटीज की संभावना 7.7 प्रतिशत तक अधिक रहती है, जबकि ठंडे स्थानों में रहनेवाली महिलाओं में यह संभावना 4.6 प्रतिशत तक होती है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को इस अवस्था में अपने डायट और एक्सरसाइज पर ध्यान देना चाहिए.

दोमहीने पहले गर्भवती महिला (27 साल) मेरे पास आयीं. वह हाइ ब्लडप्रेशर, ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना और थकावट जैसे लक्षणों से परेशान थीं. जांच में उनके खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ा हुआ आया, जो डायबिटीज का लक्षण है. गर्भ के दौरान डायबिटीज हो, तो उसे जेस्टेशनल डायबिटीज कहते हैं. अगर मां के खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है, तो वह गर्भनाल से गुजर कर बच्चे के रक्त में पहुंच जाता है. इस कारण बच्चे के भी ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है. इस स्थिति में गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है. गर्भपात न भी हो, तो जन्म के बाद बच्चे के कमजोर या मानसिक रोगी होने का खतरा रहता है. इसलिए गर्भवती महिला के ब्लड शुगर को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है. गर्भावस्था में महिला का वजन अधिक हो, तो भी जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है.

प्रमुख लक्षण :इसे बिना जांच पहचानना बहुत मुश्किल है. हैरानी की बात यह है कि इसका कोई लक्षण डायबिटीज होने के बाद भी सामने नहीं आता. इसलिए जब भी कोई समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए. जैसे- बार बार प्यास लगना, जल्दी-जल्दी यूरिन का आना, भूख अधिक लगना, नजरों के आगे अंधेरा छाना आदि. जेस्टेशनल डायबिटीज बच्चे के जन्म के बाद अपने आप ठीक भी हो जाता है.

क्या है कारण : प्रेग्नेंसी के दौरान प्लेसेंटा एक ऐसे हारमोन का निर्माण करता है, जिसकी वजह से आपके रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ सकता है. हालांकि, ऐसी परिस्थितियो में भी आपका अग्नाशय उचित इंसुलिन का निर्माण करता है, जो आपके ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है. लेकिन, किसी कारणवश या हार्मोनल डिसऑर्डर की स्थिति में इंसुलिन आपके ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल नहीं कर पाता और आप जेस्टेशनल डायबिटीज की शिकार हो जाती हैं.

कहीं आपको भी इसका खतरा तो नहीं ?

डायबिटीज किसी को भी हो सकता है, लेकिन गर्भावस्था में इसके होने की आशंका अधिक होती है. इसलिए आपको सावधानी बतरने की जरूरत होती है :
अगर गर्भावस्था में आपका का वजन अधिक हो.
यदि आपका ब्लड शुगर लेवल ज्यादा हो, लेकिन डायबिटीज न हो.
यदि आपके परिवार में किसी को डायबिटीज की बीमारी रही हो.
यदि आपको पहले भी जेस्टेशनल डायबिटीज हुआ हो तो.

डॉ रागिनी ज्योति

बीएचएमएस, सीजीओ, आदर्श होमियो क्लीनिक, राजीव नगर, पटना

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