Vidur Niti: आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हर कोई खुशियों की तलाश में है. कई लोग ऐसे हैं जिनके पास सब कुछ है फिर भी वह खुश नहीं रह पाते हैं. महाभारत काल के महान दार्शनिक और कूटनीतिज्ञ महात्मा विदुर ने अपनी अमर कृति ‘विदुर नीति’ में इन 7 तरह के लोगों का जिक्र किया है. उन्होंने बताया है कि इन लोगों का दुख बाहरी परिस्थितियों से नहीं बल्कि उनके अपने स्वभाव और आदतों के कारण होता है. चलिये जानते हैं आखिर वे कौन-सी आदतें हैं जो इंसान को अंदर से खोखला कर देती हैं और क्यों वे सब कुछ पास होकर भी कभी सुख का अनुभव नहीं कर पाते है.
- घमंडी : जो अपने ज्ञान, धन या पद का घमंड करते हैं. उनका अहंकार उन्हें दूसरों से दूर कर देता है और वे अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं.
- लोभी : जिनकी लालसा कभी खत्म नहीं होती.वे हमेशा और अधिक पाने की चाहत में लगे रहते हैं जिससे उन्हें कभी भी संतोष और शांति नहीं मिल पाती है.
- ईर्ष्यालु : जो दूसरों की खुशी और सफलता से जलते हैं. उनकी ईर्ष्या उन्हें खुद की तरक्की पर भी खुश नहीं होने देती़
- क्रोधित स्वभाव वाले : जो हर छोटी बात पर गुस्सा करते हैं. उनका क्रोध न सिर्फ दूसरों को बल्कि उन्हें खुद भी अंदर से जलाता रहता है.
- हमेशा शक करने वाले : जो हर रिश्ते में संदेह करते हैं. उनका अविश्वास उन्हें किसी पर भरोसा नहीं करने देता जिससे वे सच्चे संबंधों से वंचित रह जाते हैं.
- दयाहीन : जिनके दिल में दूसरों के लिए दया नहीं होती.उनका कठोर स्वभाव उन्हें प्रेम और करुणा से दूर रखता है.
- दूसरों की बुराई करने वाले : जो हमेशा दूसरों की बुराई या निंदा करते हैं. यह आदत समाज में उनका सम्मान कम कर देती है और लोग उनसे दूरी बना लेते हैं.
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