Parenting Tips: पैरेंटिंग का मतलब सिर्फ यह नहीं होता है कि आप उन्हें महंगे स्कूलों में भेजें या फिर उनकी हर जरूरत को पूरा करते रहें. पैरेंटिंग इससे भी ऊपर है. पैरेंटिंग का अर्थ यह भी होता है कि आप अपने बच्चों को जीवन में आगे के लिए तैयार कर दें. भले ही आपके बच्चों को इंटरनेट से काफी कुछ सीखने को मिल जाएगा लेकिन फिर भी कुछ ऐसी चीजें हैं जो आपको खुद से अपने बच्चों को सिखाना चाहिए. जब आप इन चीजों को अपने बच्चों को सिखाते हैं तो उनमें करैक्टर बिल्ड होता है, वे फ्लेक्सिबल बनते हैं और साथ ही वैल्यूज सीखने का भी मौका उन्हें मिलता है. आज हम आपको इन्हीं चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं. तो चलिए जानते हैं आपको अपने बच्चों को कौन सी चीजें जितनी जल्दी हो सके सिखा देनी चाहिए.
गुड टच और बैड टच
आपको अपने बच्चे को गुड टच और बैड टच के बीच का अंतर जरूर समझाना चाहिए. इसे आप जितनी जल्दी सिखाएंगे आपके बच्चे के लिए उतना ज्यादा बेहतर है. आपके बच्चे इंटरनेट पर इन चीजों को सीखें उससे बेहतर है कि आप उन्हें खुद ये सभी चीजें उन्हें सिखाएं. खुलकर उनसे बात करें और साथ ही उनसे यह भी कहें कि अगर उन्हें किसी पर संदेह हो या फिर अंदर से किसी चीज को लेकर शक हो तो इसे नजरअंदाज न करें.
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ना कहना
कई बच्चे इतने मासूम होते है कि वे कभी किसी की बातों को ना नहीं कह पाते हैं. उन्हें ऐसा लगता है कि अगर वे ना कह देंगे तो सामने वाले इंसान को उनकी बातों का बुरा लग जाएगा. कई बार जब आप उन्हें ना कहना नहीं सिखाते हैं तो वे गलत चीजों में भी हामी भर देते हैं. कई बार जब ऐसा होता है तो लोग उनका गलत फायदा भी उठा लेते हैं. यह भी एक कारण है कि आपको अपने बच्चे को ना कहना जरूर सिखाना चाहिए.
टॉक्सिक लोगों से दूरी बनाना
दोस्ती हो या फिर रिलेशनशिप, आपको अपने बच्चे को यह जरूर सिखाना चाहिए कि उन्हें टॉक्सिक लोगों से दूरी कब बना लेनी चाहिए. अगर समय रहते वे इस तरह के लोगों से दूरी नहीं बनाते हैं तो इससे उनके मेंटल हेल्थ पर काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है. उन्हें बताएं कि अगर वे टॉक्सिक लोगों के साथ रहेंगे तो लोग उन्हें मेनिप्यूलेट कर सकते हैं और साथ ही कमजोरियों का फायदा भी उठा सकते हैं.
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उनके लुक्स से ज्यादा उनकी थिंकिंग मायने रखती है
सोशल मीडिया की वजह से हम सभी के अंदर एक इनसिक्योरिटी की भावना जागती जा रही है. ऐसे में अपने बच्चों की सिखाएं कि सिर्फ अच्छा दिखना या फिर एक खूबसूरत त्वचा, सिक्स पैक ऐब्स या फिर ट्रेंडिंग कपड़े पहनना ही उनके लिए मायने नहीं रखता है. उनके अंदर आत्मविश्वास उस समय आता है जब वे खुद को एक्सेप्ट कर लेते हैं. इस बात से नहीं कि उनके सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर लोग उनके बारे में क्या कह रहे हैं.
बुली करने वाले लोग ताकतवर नहीं है
अक्सर बच्चों को लगता है कि जो उन्हें स्कूल में या फिर कॉलेज में बुली कर रहे हैं वे काफी ज्यादा ताकतवर हैं. उनकी इस सोच की वजह से वे बुली होने के बाद भी सामने वाले के सामने चुप रह जाते हैं. अपने बच्चों को बताएं कि बुली करने वाले ताकतवर नहीं बल्कि अंदर से इनसिक्योर है. उन्हें बताएं कि उदारता में ही असली ताकत है. उन्हें खुद के लिए और दूसरों के लिए भी खड़ा होना सिखाएं. उन्हें ये भी सिखाएं कि खराब भाषा का इस्तेमाल या फिर गाली देकर वे कूल नहीं बन सकते हैं.
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