Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा का जीवन और उनके उपदेश आज भी लोगों को प्रेरणा देते हैं. उन्हें केवल संत ही नहीं, बल्कि एक सच्चे आध्यात्मिक गुरु के रूप में माना जाता है. बाबा ने हमेशा सिखाया कि धन केवल कमाने के लिए नहीं, बल्कि उसे सही दिशा में उपयोग करने के लिए दिया गया है. उनका मानना था कि जो व्यक्ति अपने धन को अच्छे कार्यों में लगाता है, उसके जीवन में कभी अभाव नहीं आता और उसकी तिजोरी हमेशा भरी रहती है.
अच्छे कामों में लगाएं धन
नीम करोली बाबा कहते थे कि जब भी कोई व्यक्ति अपने धन का उपयोग दूसरों की भलाई और जरूरतमंदों की मदद में करता है, तब भगवान प्रसन्न होते हैं. इस प्रसन्नता का आशीर्वाद उसे जीवनभर मिलता है. इसलिए धन को सिर्फ जमा करने के बजाय सेवा और दान में लगाना ही सही तरीका है.
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संचय का मोह व्यर्थ
बाबा के अनुसार, केवल धन इकट्ठा करना व्यर्थ है. वह पैसा अमूल्य है जो किसी के काम आए. सच्ची संपत्ति वही है जिसे जरूरतमंदों की सहायता के लिए इस्तेमाल किया जाए. जो व्यक्ति केवल धन जमा करता है, उसकी संपत्ति उसे वास्तविक सुख नहीं देती, जबकि दूसरों की मदद करने वाला व्यक्ति ही असली अमीर कहलाता है.
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असली संपत्ति चरित्र और भक्ति
नीम करोली बाबा का मानना था कि इंसान का सबसे बड़ा धन उसका अच्छा चरित्र और ईश्वर के प्रति आस्था है. अगर किसी का आचरण पवित्र है और उसके जीवन में भक्ति का भाव है, तो वह दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति है. धन का वास्तविक महत्व तभी है जब उसका उपयोग सही दिशा में किया जाए.
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बाबा का संदेश यही था कि भौतिक धन तो नश्वर है, लेकिन सेवा, भक्ति और अच्छे कर्म अमर हैं. ऐसे व्यक्ति को न केवल समाज सम्मान देता है, बल्कि ईश्वर का आशीर्वाद भी जीवनभर उसके साथ रहता है.
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