Karwa Chauth 2025 Mitti ka Karwa: करवा चौथ के व्रत की तैयारी करते समय हर छोटी-बड़ी चीज का खास ध्यान रखना जरूरी होता है. खासकर पूजन की थाली को इस तरह तैयार करें कि कोई भी जरूरी वस्तु छूट न जाए. अक्सर ऐसा होता है कि जब चांद निकलने का समय आता है, तो कई महिलाएं पूजा की चीजें ढूंढने में व्यस्त हो जाती हैं. ऐसे में सही तैयारी न होने से पूजा का समय प्रभावित होता है.
करवा चौथ पर मिट्टी के करवे से अर्घ्य क्यों दिया जाता है?
करवा चौथ की पूजा में मिट्टी का करवा सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि इसी करवे से महिलाएं भगवान चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं.
लेकिन क्या आप जानती हैं कि करवा खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? आइए जानते हैं वे 3 जरूरी बातें जिनका ध्यान करवा खरीदते समय जरूर रखें.
मिट्टी का करवा खरीदते समय किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए?

1. करवा मिट्टी का बना होना चाहिए
करवा चौथ की पूजा में मिट्टी का करवा सबसे शुभ माना जाता है. मिट्टी को पवित्रता का प्रतीक कहा गया है और इससे बनी वस्तुएं देवी-देवताओं को अर्पित करने के लिए श्रेष्ठ मानी जाती हैं. इसलिए करवा खरीदते समय यह सुनिश्चित करें कि वह पूरी तरह मिट्टी का बना हो, न कि प्लास्टिक या धातु का. मिट्टी का करवा ही पूजा में सकारात्मक ऊर्जा लाता है.
2. करवा पूरी तरह टोंटीदार होना चाहिए

करवा का आकार और बनावट भी बहुत मायने रखता है. हमेशा ध्यान रखें कि करवा टोंटीदार हो यानी उसमें पानी डालने और निकालने की सुविधा हो. यह पारंपरिक करवे का मुख्य लक्षण है और यही करवा पूजा के समय अर्घ्य देने में उपयोग होता है.
टोंटीदार करवा भगवान श्री गणेश का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि गणेश जी का स्वरूप भी टोंटीदार आकार से जुड़ा है. इस करवे से ही चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है, जो व्रत की विधि को पूर्ण बनाता है. बिना टोंटी वाले करवे को अशुभ माना जाता है क्योंकि इससे पूजा की विधि अधूरी रह जाती है.
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3. करवा ढक्कनयुक्त होना चाहिए
करवा खरीदते समय देखें कि उसमें ढक्कन (ढक्कन या ढक्कणी) अवश्य हो. ढक्कन वाला करवा सौभाग्य और पूर्णता का प्रतीक होता है. यह इस बात का संकेत है कि व्रत का पालन पूरी श्रद्धा और नियमपूर्वक किया जा रहा है. पूजा के दौरान पानी या अर्घ्य ढककर रखने की परंपरा भी इसी कारण निभाई जाती है.
मिट्टी के करवा में क्या भरा जाता है?
करवा चौथ की पूजा में मिट्टी के करवे को शुभ वस्तुओं से भरा जाता है. इसमें पानी, कच्चा चावल, रोली, कुमकुम, मिठाई, सुपारी, चूड़ी, सिंदूर, और दक्षिणा (सिक्के या पैसे) रखे जाते हैं. कई जगहों पर महिलाएं इसमें हल्दी या गेहूं के दाने भी रखती हैं. यह सब वस्तुएं समृद्धि, सौभाग्य और वैवाहिक सुख का प्रतीक मानी जाती हैं.
करवा चौथ के बाद मिट्टी के करवा का क्या करना चाहिए?
करवा चौथ की पूजा समाप्त होने के बाद मिट्टी के करवे को सम्मानपूर्वक रख दिया जाता है या प्रवाहित किया जाता है. कई महिलाएं इसे घर के पूजा स्थल या तुलसी के पास रखती हैं, ताकि सौभाग्य बना रहे. वहीं, कुछ परंपराओं में इसे अगले दिन किसी पवित्र स्थान या जल में विसर्जित किया जाता है. ध्यान रखें कि करवे को कभी भी फेंका नहीं जाता, क्योंकि यह पूजा का पवित्र पात्र होता है.
इन परंपराओं का पालन न केवल धार्मिक रूप से शुभ माना जाता है बल्कि यह करवा चौथ के व्रत की पूर्णता का प्रतीक भी है.
करवा चौथ पर सही करवा का चयन शुभ फल प्राप्त करने के लिए आवश्यक है. मिट्टी का, टोंटीदार और ढक्कनयुक्त करवा न केवल पूजा को पूर्ण बनाता है बल्कि व्रत रखने वाली महिलाओं के जीवन में सौभाग्य और समृद्धि भी लाता है. इसलिए इस बार करवा खरीदते समय इन तीन बातों का ध्यान जरूर रखें और अपने व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ पूर्ण करें.
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