Jaya Kishori Quotes: जया किशोरी का एक कथन सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है – “बस सब्र आने की देर है, क्या खास – क्या खाक, सब पता चल जाता है.” यह लाइन न सिर्फ दिल को छू जाती है बल्कि जिंदगी को समझने का नया नजरिया भी देती है. आइए जानते हैं इस कोट का गहरा मतलब और इससे जुड़ी जीवन की सीख.
Jaya Kishori Quotes: सब्र रखना है जरूरी

जया किशोरी का यह कोट जीवन में धैर्य (सब्र) की महत्ता को दर्शाता है. जब तक हमारे पास सब्र नहीं होता, तब तक हमें किसी चीज की असली कीमत समझ नहीं आती. लेकिन जैसे ही हम धैर्य रखना सीख जाते हैं, हमें यह साफ नजर आने लगता है कि कौन खास है और कौन सिर्फ दिखावे वाला.
Sabr ka Mahatva: धैर्य से मिलती है सही पहचान
आज के समय में जहां सब कुछ जल्दी पाने की होड़ लगी है, वहां धैर्य रखना एक कला बन गया है. जया किशोरी बताती हैं कि जीवन में अगर हम थोड़ी देर ठहर जाएं, सोचें और सब्र रखें, तो हमारे आस-पास की चीजे और लोग अपने आप ही असली रूप में सामने आ जाते हैं.
Jaya Kishori Quotes: क्या खास और क्या खाक कैसे समझें?
कई बार हमें समझ नहीं आता कि हमारी जिंदगी में कौन लोग वाकई हमारे अपने हैं और कौन बस वक्त के साथ हैं. लेकिन समय के साथ जब हम धैर्य रखते हैं, तो खुद-ब-खुद ये फर्क साफ हो जाता है. यही इस कोट की सबसे बड़ी सच्चाई है.
जया किशोरी के विचार युवाओं के लिए एक सकारात्मक संदेश लेकर आते हैं. यह कोट सिखाता है कि जल्दबाजी में लिए गए फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं. लेकिन अगर हम थोड़ा सब्र रखें, तो सही और गलत, सच्चा और झूठा, खास और ख़ाक – सब कुछ साफ-साफ नजर आने लगता है.
जया किशोरी का यह कोट जीवन को गहराई से समझने का अवसर देता है. “बस सब्र आने की देर है, क्या खास – क्या खाक, सब पता चल जाता है” – इस एक पंक्ति में पूरी जिंदगी की सीख छुपी है. यह कोट हमें सिखाता है कि समय सबसे बड़ा शिक्षक है, बस सब्र रखना आना चाहिए.
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