Jaya Kishori: आज के समय में अक्सर कहा जाता है कि इंसान स्थिर विचारों वाला होना चाहिए, लेकिन हकीकत यह है कि हम सब अपने सिद्धांत और फैसले परिस्थितियों के अनुसार बदलते हैं. जया किशोरी ने इसे एक बेहद ही सरल और दिलचस्प उदाहरण के माध्यम से समझाया, जो सीधा दिल को छू जाता है.
Jaya Kishori Quotes in Hindi: जया किशोरी के अनमोल विचार
मनुष्य अपने सिद्धांत भी परिस्थिति के अनुसार बदल लेता है. – जया किशोरी
जया किशोरी जी कहती हैं कि इंसान की आदत गिरगिट से मिलती-जुलती है. जैसे गिरगिट समय और स्थिति के अनुसार रंग बदल लेता है, ठीक वैसे ही मनुष्य भी हालात के अनुसार अपने सिद्धांतों में बदलाव कर लेता है. उन्होंने इसके लिए ‘चाय’ और ‘घी’ का उदाहरण दिया.
अगर चाय में कोई मक्खी गिर जाए, तो इंसान पूरा कप चाय फेंक देता है. लेकिन यही मक्खी अगर घी में गिर जाए, तो लोग मक्खी को निकालकर घी का इस्तेमाल जारी रखते हैं. यानी परिस्थितियों के अनुसार हमारा नजरिया और फैसला बदल जाता है.
Jaya Kishori: अपना समय आते ही गिरगिट की तरह रंग बदल लेते है लोग

यह उदाहरण बताता है कि मनुष्य अपने नियमों और आदर्शों में कितना लचीला है. कभी हम सख्त होकर पूरा छोड़ देते हैं, और कभी स्थिति के हिसाब से समझौता कर लेते हैं. यही इंसानी स्वभाव है – जहां लाभ या जरूरत होती है, वहां सिद्धांत भी बदल जाते हैं.
जया किशोरी के इस विचार से यह सीख मिलती है कि इंसान चाहे जितना भी आदर्शवादी बनने की कोशिश करे, लेकिन वास्तविकता यही है कि परिस्थितियां हमें बदल देती हैं. सवाल यह है कि हम अपने बदलाव को किस हद तक स्वीकारते हैं और क्या हम उसे सकारात्मक दिशा में ले जाते हैं.
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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

