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Health Tips : मन से नकारात्मक विचारों को दूर करने और सकारात्मक रहने के लिए करें ये काम

अस्वस्थ जीवनशैली की वजह से लोग नकारात्मक विचारों के जाल में फंसते जा रहे हैं. ऐसे में लोगों में अवसाद, चिड़चिड़ापन और गुस्से की प्रवृत्ति काफी बढ़ गयी है.

Health Tips : आज भागदौड़ भरी जिंदगी में अधिकांश लोग तनाव और चिंता का सामना कर रहे हैं. कम समय में ही आगे बढ़ने की होड़ और अस्वस्थ जीवनशैली की वजह से लोग नकारात्मक विचारों के जाल में फंसते जा रहे हैं. ऐसे में लोगों में अवसाद, चिड़चिड़ापन और गुस्से की प्रवृत्ति काफी बढ़ गयी है. साथ ही नकारात्मक विचार मन-मस्तिष्क पर हावी हो रहे हैं. हालांकि, नकारात्मकता के बंधन से मुक्त होना और मन को शांत रखना बहुत आसान है. यहां योग गुरु डॉ हंसाजी योगेंद्र ने ऐसे पांच उपायों की जानकारी दी है, जिसकी मदद से हम अपने मन से नकारात्मक विचारों को दूर कर सकते हैं.

प्रतिपक्ष भावना का अभ्यास करें

प्रतिपक्ष भावना की उत्पत्ति योग दर्शन से हुई है. प्रतिपक्ष भावना एक व्यावहारिक अभ्यास है, जिसे कोई भी व्यक्ति मन को अधिक सकारात्मक सोचने के लिए प्रशिक्षित करने और दुख और असत्य विचारों को कम करने के लिए अपना सकता है. जब नकारात्मक भावनाएं हम पर हावी हो जाती हैं, तो प्रतिपक्ष भावना का अभ्यास हमें सकारात्मकता की तरफ सोचने के लिए प्रोत्साहित करता है. यह प्रक्रिया तंत्रिका पुनर्रचना को ट्रिगर करती है, जिससे हमारे मन-मस्तिष्क में मौजूद नकारात्मकता की भावना धीरे-धीरे कम हो जाती है.

खुद को नि:स्वार्थ सेवा कार्यों में लगाएं

यदि हम नि:स्वार्थ सेवा से जुड़े कार्यों में लगे रहते हैं, तो इससे न केवल समुदाय को लाभ होता है, बल्कि हमारी मानसिक सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है. दूसरों की सेवा करने पर हमारी बॉडी से ऑक्सीटोसिन और सेरोटोनिन रिलीज होता है, जो खुशी और संतुष्टि से जुड़े न्यूरोट्रांसमीटर हैं. अपने कार्यों के सकारात्मक प्रभाव को देखने से उद्देश्य और संतुष्टि की भावना बढ़ेगी, जिससे आपके दिमाग से नकारात्मकता दूर होगी.

  • ऐसा काम चुनें, जो आपके अनुरूप हों.
  • निःस्वार्थ सेवा के लिए समय और ऊर्जा लगाएं.
  • अपने नेक कार्यों से खुशी और संतुष्टि का अनुभव करें.

मंत्रोच्चार एवं जाप करें

पवित्र मंत्रों और मंत्रों की लयबद्ध जाप करने से हमारे मन-मस्तिष्क पर इसका गहरा असर पड़ता है. इससे मन काफी शांत और ऊर्जा से भरपूर रहता है. मंत्रों का जाप करने के दौरान हम लोग ध्यान मुद्रा में होते हैं. इससे मन शांतचित रहता और तनाव का स्तर कम होता है. इसलिए मंत्रों का जाप करके आप अपने भीतर सकारात्मकता का अहसास करें. साथ ही नकारात्मक विचारों को दूर करें.

  • अपनी पसंद का एक मंत्र या पवित्र मंत्र चुनें.
  • प्रतिदिन कुछ पल पाठ के लिए निर्धारित करें.
  • अपने भीतर सकारात्मकता का अहसास करें.

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रोजाना 10 सकारात्मक बातें लिखें

डिजिटल युग में अपने विचारों को कलमबद्ध करना भले ही काफी आपको पुराना लग सकता है, लेकिन यदि डायरी या कागज के पन्नों पर लिखने की आदत है, तो यह खुद को सकारात्मक रखने में अहम भूमिका निभा सकता है. इसमें काफी थेरप्यूटिक वैल्यू यानी चिकित्सकीय मूल्य है. यह सरल अभ्यास हमारे फोकस को बढ़ाता है. इससे आपके भीतर कृतज्ञता भाव पैदा होता है. साथ ही दुनिया को इसी नजर से देखने के लिए आप प्रेरित होते हैं. इस तरह समय के साथ आप अपनी मानसिकता में काफी बदलाव देखेंगे.

-दिन के सकारात्मक अनुभवों या उन चीजों पर विचार करें, जिनके लिए आप आभारी हैं.

  • उन्हें किसी जर्नल या नोटबुक में लिख लें.
  • अपने भीतर कृतज्ञता भाव विकसित करें.

प्रकृति के बीच नियमित रूप से समय बिताएं

प्रकृति में मन को स्वस्थ करने और तरोताजा रखने की अद्भुत क्षमता है. प्रकृति में समय बिताने से कोर्टिसोल का स्तर कम होता है और मूड में सुधार होता है. साथ ही मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा मिलता है. इसलिए प्रकृति में नियमित रूप से अकेले समय बिताएं. इसके लिए आप चाहें, तो पार्क में टहल सकते हैं या सप्ताह के अंत में मिलने वाली छुट्टियों पर जंगल में कुछ प्लान कर सकते हैं. इसके अलावा प्रकृति में मौजूद क्लींजिंग पावर को महसूस भी करें.

  • जब भी संभव हो, किसी जंगल की यात्रा की योजना बनाएं और प्रकृति की खूबसूरत परिवेश में डूब जाएं.
    -अपनी इंद्रियों को जंगल के मनोरम दृश्यों, आवाज और खुशबू में मन को रमने दें.
    -इस दौरान अपने भीतर मौजूद तनाव को कम करें और बेहतर मूड का अनुभव करें.

एक स्वस्थ और समग्र जीवनशैली अपनाएं

खुद को सकारात्मक रखने के लिए अपने जीवन में एक स्वस्थ और समग्र जीवनशैली का पालन करें. सही मायने में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए यह बहुत जरूरी है. इसलिए आप सही समय पर पोषण युक्त भोजन करें. नियमित व्यायाम करें. रोजाना पर्याप्त नींद लें. साथ ही अपने संबंधों को मजबूत करें. जीवन में सद्भाव और लचीलापन विकसित करने के लिए योग, आसन, प्राणायाम और ध्यान जैसी सेल्फ केयर एक्टिविटी को प्राथमिकता दें. साहस और दृढ़ विश्वास के साथ जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करें, क्योंकि बेहतर जिंदगी की कुंजी आपके अपने अस्तित्व की गहराई में निहित है.

सकारात्मक रहने से होंगे ये फायदे

मानसिक रूप से खुद को सकारात्मक रखने से कई फायदे मिलते हैं. इससे आपके मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है. आपके रिश्ते बेहतर होते हैं. आपका इम्यून सिस्टम बेहतर ढंग से काम करता है. इसके अलावा, आपके मोटिवेशन और प्रोडक्टविटी में बढ़ोतरी देखने को मिलती है. इसलिए इसलिए सकारात्मक रहें और खुश रहें!

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