Chanakya Sutra: जीवन में आगे बढ़ने के लिए किसी भी व्यक्ति को मार्गदर्शन की जरुरत पड़ती है. प्राचीन भारत में कई ऐसे विद्वान लोग हुए हैं जिनकी बातें आज के समय में भी प्रासंगिक है. आज के मॉडर्न जमाने में भी इन लोगों की बातों का पालन करने की सलाह दी जाती है. आचार्य चाणक्य मगध साम्राज्य के जाने-माने विद्वान थे. उनकी बुद्धिमता के बारे में आज भी चर्चा होती है. चाणक्य को एक बहुत बड़े रणनीतिकार और अर्थशास्त्री के तौर पर जाना जाता है. चाणक्य नीति में कई विषयों के बारे में पता चलता है. चाणक्य सूत्र में सामाजिक और व्यक्ति के निजी जिंदगी से जुड़े विषयों के ऊपर भी बातें देखने को मिलती है. तो आइए जानते हैं कुछ सूत्रों के बारे में.
चाणक्य सूत्र
- विनयस्य मूलं वृद्धोपसेवा
इस सूत्र के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति अपने व्यवहार में बदलाव लाना चाहता है तो उसे बड़ों के साथ समय बिताना चाहिए और सेवा करना चाहिए . बड़े-बूढ़ों ने जिंदगी को बहुत करीब से देखा है और उनके ये अनुभव आपके काम आएंगे और व्यवहार को भी विनम्र बनाने में मदद करेंगे.
- जितात्मा सर्वार्थे संयुज्यते
चाणक्य सूत्र के अनुसार, व्यक्ति तभी सफल हो सकता है जब वह अपनी इच्छाओं पर काबू पा सके. अगर व्यक्ति ऐसा कर लेता है तो सफलता उसके कदम चूमती है. सफलता पाने के लिए लक्ष्य को ध्यान में रखकर एकाग्रता के साथ आगे बढ़ते रहना चाहिए.
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- नैकं चक्रं परिभ्रमयति
जीवन में आगे बढ़ने के लिए बैलेंस चाहिए होता है. इस सूत्र से ये बात और स्पष्ट हो जाती है. इस सूत्र के अनुसार, एक पहिया से आप गाड़ी को आगे नहीं बढ़ा सकते हैं उसी तरह से जीवन में आगे बढ़ने के लिए आपको साथी की जरुरत पड़ती है. काम करने के समय भी सभी लोगों का साथ ही कार्य को सफल बनाता है.
- सहाय: समसुखदु:ख:
सुख और दुख जीवन का अहम हिस्सा हैं. मुश्किल घड़ी में ही सच्चे दोस्त या सहायक की पहचान होती है. इस सूत्र में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि आपका सच्चा दोस्त दुख और सुख के समय में एक जैसा रहता है.
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