16.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Chanakya Niti: कब इंसान को खोलना चाहिए अपना मुंह और कब जुबान पर लगाना चाहिए ताला? चाणक्य की यह सीख बदल देगी आपकी जिंदगी

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में खुलकर बताया है कि इंसान को किस समय बोलना चाहिए और किस समय बिलकुल चुप रहना चाहिए. जब इंसान इन बातों को समझ जाता है समाज में उसे समझदार समझा जाता है और इज्जत भी मिलती है.

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य केवल पॉलिटिक्स और डिप्लोमेसी के ही नहीं बल्कि लाइफ मैनेजमेंट के भी कमाल के जानकार थे. उनकी नीतियां आज भी इंसान की थिंकिंग और लाइफस्टाइल को दिशा देती हैं. आचार्य चाणक्य ने कहा है कि, इंसान की जुबान उसकी सबसे बड़ी ताकत भी हो सकती है और सबसे बड़ी कमजोरी भी. इसलिए यह जानना बेहद जरूरी है कि कब बोलना है और कब चुप रहना है. सही समय पर कही गई बात इंसान की किस्मत बदल सकती है वहीं, गलत समय पर बोले गए शब्द रिश्तों और सम्मान दोनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

हर शब्द का असर होता है इसलिए बोलने से पहले सोचें

आचार्य चाणक्य का मानना था कि इंसान के शब्दों में काफी ज्यादा ताकत होती है. आप कैसे और किससे बात करते हैं, इससे आपकी पहचान और इमेज बनती है. अगर आपके शब्द सोचे-समझे और मीठे होंगे तो लोग आपकी बातों को मानेंगे और आपसे जुड़ना चाहेंगे. लेकिन, अगर आपकी जुबान कड़वी है तो अच्छे से अच्छे रिश्ते भी टूट सकते हैं. इसलिए जरूरी है कि हम बोलने से पहले सोचें और हर शब्द का चुनाव सावधानी से करें.

यह भी पढ़ें: Chanakya Niti: कैसा होता है उनका अंजाम जो डालते हैं पराई स्त्री और पराए धन पर नजर? आचार्य चाणक्य से जानें दुखद अंत

यह भी पढ़ें: Chanakya Niti: हर पुरुष को पता होनी चाहिए महिलाओं से जुड़ी ये 5 रोचक बातें, आचार्य चाणक्य से जानें छिपे हुए राज

कब बोलना जरूरी है?

चाणक्य नीति के अनुसार इंसान के जीवन में कई ऐसे मौके आते हैं जब उनका चुप रहना हानिकारक साबित हो सकता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार अन्याय के समय, बुराई के खिलाफ या सही राय रखने के लिए हमेशा आवाज उठानी चाहिए. अगर आप सच जानते हुए भी चुप रहते हैं, तो यह आपकी कमजोरी मानी जाती है. सही समय पर बोला गया सच न केवल आपको इज्जत दिलाता है बल्कि समाज में आपकी पहचान भी मजबूत करता है.

कब चुप रहना समझदारी है?

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, हर जगह और हर हालात में बोलना समझदारी नहीं है. चाणक्य नीति के अनुसार कभी-कभी चुप रहना ही सबसे बड़ा जवाब होता है. गुस्से में, झगड़े के समय या जब सामने वाला सुनने के मूड में न हो, तब ज्यादा बोलना रिश्तों में दरार डाल देता है. ऐसे वक्त पर चुप रहकर हालात को संभालना ही समझदारी है. इससे न सिर्फ आपका धैर्य बढ़ता है बल्कि बेवजह के झगड़ों से भी बचा जा सकता है.

जुबान पर कंट्रोल से मिल सकती है सफलता

चाणक्य नीति कहती है कि सफल इंसान वही होता है जो अपने इमोशंस और जुबान पर कंट्रोल रखता है. कई बार हम बिना सोचे बोल देते हैं और बाद में हमें उस बात के लिए पछताना पड़ता है. जबकि, वही बात अगर सोच-समझकर, सही समय और सही शब्दों के साथ कही जाए तो उसका असर कई गुना बढ़ जाता है. जुबान पर कंट्रोल रखने वाला इंसान हर जगह इज्जत और भरोसा पाता है.

यह भी पढ़ें: Chanakya Niti: छुपकर इन 3 कामों को करने वाला इंसान कभी नहीं करता तरक्की, देखते ही देखते जीवन भी हो जाता है बर्बाद

Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

Saurabh Poddar
Saurabh Poddar
Digital Media Journalist having more than 2 years of experience in life & Style beat with a good eye for writing across various domains, such as tech and auto beat.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel