Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को अपने समय के सबसे ज्ञानी और बुद्धिमान व्यक्ति के तौर पर जाना जाता है. अपने जीवनकाल के दौरान उन्होंने मानव जाति की भलाई के लिए कई तरह की नीतियों की रचना की जिन्हें बाद में चाणक्य नीति के नाम से जाना जाने लगा. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में यह भी बताया है की किस तरह से एक इंसान सही माइंडसेट अपनाकर अपने जीवन में लिए जाने वाले फैसलों को सही दिशा में ले जा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि हम सबकी जिंदगी में ऐसे कई मौके आते हैं जब हमें छोटे-बड़े फैसले लेने पड़ते हैं. यह फैसले कभी करियर को लेकर, कभी पैसों को लेकर, तो कभी रिश्तों को लेकर लेने पड़ते हैं. अक्सर लोग सोचते हैं, “काश! मैंने सही समय पर सही फैसला लिया होता.” यही फर्क होता है स्मार्ट माइंडसेट और जल्दबाजी में लिए गए फैसलों में. आचार्य चाणक्य मानते थे कि इंसान अगर ठंडे दिमाग से सोचकर, सही जानकारी जुटाकर और समय का सम्मान करते हुए फैसले ले, तो वो कभी गलत नहीं होता. तो चलिए जानते हैं कि चाणक्य की नीतियों से हम कैसे स्मार्ट माइंडसेट बना सकते हैं और जीवन के हर फैसले को सही दिशा में ले जा सकते हैं.
सोच-समझकर कदम उठाना
आचार्य चाणक्य के अनुसार किसी भी काम में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. वे कहते थे कि, बिना सोचे-समझे लिया गया फैसला अक्सर बाद में पछतावे का कारण बनता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार कोई भी फैसला लेने से पहले हालात को समझें, फायदे और नुकसान देखें और इसके बाद ही कोई कदम उठाएं.
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इकठ्ठा करें जानकारी
आचार्य चाणक्य के अनुसार फैसले हमेशा पूरी जानकारी के आधार पर ही लेना चाहिए. आधे-अधूरे ज्ञान के साथ लिए गए फैसले गड़बड़ कर सकते हैं. चाणक्य का मानना था कि जितनी ज्यादा जानकारी होगी, उतने ही मजबूत आपके फैसले होंगे.
समय की कीमत समझें
आचार्य चाणक्य के अनुसार समय का सही इस्तेमाल करना स्मार्ट माइंडसेट की निशानी है. उनके अनुसार कोई भी फैसला लेने से पहले न ज्यादा देर लगानी चाहिए और न ही बिना सोचे तुरंत फैसले ले. आचार्य चाणक्य के अनुसार सही समय पर लिया गया सही फैसला ही जीवन बदलने की ताकत रखता है.
इमोशंस से ऊपर उठो
कभी-कभी हम गुस्से, प्यार या डर में आकर गलत कदम उठा लेते हैं. ऐसे हालात से बचने के लिए आचार्य चाणक्य कहते थे कि इमोशंस पर कंट्रोल रखकर ही सटीक फैसला लिया जा सकता है.
जोखिम और मौके की पहचान
बता दें एक स्मार्ट माइंडसेट का मतलब है मौके पहचानना और सही जगह जोखिम उठाना. आचार्य चाणक्य मानते थे कि जो इंसान जोखिम से डरता है, वो कभी आगे नहीं बढ़ पाता.
अपने एक्सप्रीरियंस से सीखें
आचार्य चाणक्य के अनुसार हर सही या गलत फैसला हमें जीवन में कुछ न कुछ सिखाता है. इसी वजह से आचार्य चाणक्य का कहना था कि सीख ही असली दौलत है, जिसे जितना इस्तेमाल करोगे उतना ही जीवन में आगे बढ़ोगे.
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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

