Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज सिर्फ एक संत नहीं, बल्कि भक्तों के दिलों में बसे प्रेम, शांति और श्रद्धा के प्रतीक हैं. उनके पास जाने पर ऐसा अनुभव होता है जैसे आत्मा को एक दिव्य रोशनी मिल गई हो. उनकी सरलता, विनम्रता और संतुलित व्यक्तित्व हर किसी को सहजता से आकर्षित करता है. उनके उपदेशों में न केवल ज्ञान की गहराई होती है, बल्कि एक ऐसी अनुभूति भी होती है जो आत्मा को भीतर से जागृत कर देती है. आजकल उनके प्रवचन और सत्संग सोशल मीडिया के जरिये लोगों तक पहुंचकर उन्हें आध्यात्मिक जागरूकता, जीवन में प्रेम और संतुलन प्रदान कर रहे हैं. श्रद्धालु नियमित रूप से प्रेमानंद जी से जीवन के विभिन्न पहलुओं पर मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए उनसे सवाल पूछते हैं. इन सवालों में ज्यादातर आध्यात्मिक और मानसिक उलझनों से जुड़े सवाल रहते हैं, जिसका प्रेमानंद जी महाराज बड़ी सहजता से उत्तर देते हैं. ऐसे में महाराज जी ने एक बार जीवन में अच्छे दिन आने के लिए दो काम करने बताए थे. आइए जानते हैं कि वो दो काम क्या हैं.
मानसिक रूप से सशक्त
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि जिस व्यक्ति के जीवन में दुखों का पहाड़ हो, वह निरंतर दुखों से घिरा रहे, तो उसे प्रभु में आस्था रखनी चाहिए. ऐसे लोगों को निरंतर भगवान का नाम जपना चाहिए, क्योंकि नाम जप से मानसिक दृढ़ होता है. इसके अलावा, व्यक्ति को शरीर को ठीक रखने के लिए रोजाना एक्सरसाइज करना चाहिए, क्योंकि एक्सरसाइज करने से शरीर निरोग रहने के साथ आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है.
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व्यक्ति को करना चाहिए ऐसा काम
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि जीवन में अच्छे दिन उसी के आते हैं, जिसमें क्षमा करने का भाव होता है. उनके अनुसार, बलवान व्यक्ति वह नहीं है, जो क्रोध और गाली का जवाब उसी लहजे में दे. बलवान वह व्यक्ति होता है, जो दूसरों की गलतियों को माफ करता है. जो व्यक्ति अपने सुख के लिए जीवन जीता है, वह निर्बल होता है.
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