Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज केवल एक संत नहीं, बल्कि भक्तों के लिए दिव्य शांति और प्रेम का जीवंत स्वरूप हैं. जब कोई उनके सान्निध्य में आता है, तो ऐसा लगता है मानो आत्मा किसी तीर्थ की पवित्रता को छू रही हो. उनका सरल और निर्मल व्यक्तित्व मन को सहज ही आकर्षित कर लेता है. उनकी बातों में सिर्फ शब्द नहीं होते, बल्कि गहराई से निकली हुई अनुभूतियां होती हैं, जो सीधे हृदय को स्पर्श करती हैं. सोशल मीडिया के माध्यम से उनके सत्संग और प्रवचन लाखों लोगों की जिंदगी में नई ऊर्जा और दिशा भरते हैं. वे अक्सर कई विषयों पर बात करते रहते हैं. एक वीडियो में उन्होंने बताया था कि भंडारे का खाना किसे नहीं खाना चाहिए.
- प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि अगर आप ग्रहस्थ जीवन जी रहे हैं और किसी तीर्थ यात्रा पर निकले हैं, तो उन्हें भंडारा या मुफ्त में खिलाये जा रहे खाने को नहीं खाना चाहिए. हालांकि, मंदिर में प्रसाद मिल रहा है, तो थोड़ा सा ले, प्रसाद से पेट भरने की कोशिश न करें.
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- प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि लाखों कमाने वाले लोगों दूसरों को खिलाने की कोशिश करनी चाहिए. खुद पाने की इच्छा नहीं करनी चाहिए. अगर आप किसी भंडारे में जाकर खाएंगे, तो बुद्धि नष्ट होने के साथ भगवान भी नाराज हो जाएंगे.
- प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि अगर आप तीर्थ यात्रा पर निकले हैं और भंडारा चल रहा है, तो उसे प्रणाम करके आगे निकल जाना चाहिए. इस दौरान मुफ्त का खाना नहीं खाना चाहिए.
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