20.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

कोडरमा : कैसे करें आलू की उन्नत खेती, फॉरेस्ट्री अफसर ने बतायी विधि

आलू एक ऐसी सब्जी है, जिसमें प्रचुर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट के अलावा खनिज, लवण, विटामिन, अमीनो अम्ल भी पाया जाता है़ आलू के लिए शीतल जलवायु तथा कंद बनने के समय 18 से 20 डिग्री तापमान होना चाहिए.

जयनगर : सब्जियों के राजा आलू की खेती का सीजन चल रहा है़ किसान पूरी तरह से आलू की खेती में व्यस्त हो गये हैं. बाजार में भी आलू के बीज की बिक्री परवान पर है. फिलहाल आलू का बीहन 75 रुपये पसैरी तथा किलो में 15-17 रुपये की दर से बिक रहा है़ आलू एक ऐसी सब्जी है, जिसमें प्रचुर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट के अलावा खनिज, लवण, विटामिन, अमीनो अम्ल भी पाया जाता है़ आलू के लिए शीतल जलवायु तथा कंद बनने के समय 18 से 20 डिग्री तापमान होना चाहिए. इसे सबसे अधिक खतरा पाल से है, यह खेती सभी तरह की जमीन पर की जा सकती है, मगर हल्की दोमट मिट्टी वाला उपजाऊ खेत जहां जल निकासी की सुविधा हो, इसके लिए सर्वाधिक उपयुक्त है़ कैसे करें आलू की उन्नत खेती इस पर कृषि विशेषज्ञ ने किसानों के लिए कई आवश्यक जानकारी साझा की है.

कैसे करें खेत तैयार : रूपेश रंजन

कृषि विज्ञान केंद्र जयनगर कोडरमा के एग्रो फॉरेस्ट्री ऑफिसर रुपेश रंजन ने जानकारी देते हुए बताया कि आलू की जल्द तैयार होने वाले किस्मों में कुफरी जसीम, कुफरी पुखराज, कुफरी सूर्या तथा कम समय में तैयार होने वाली किस्म में कुफरी ज्योति, कुफरी लालिमा, कुफरी पुष्कर, कुफरी कंचन आदि शामिल है़ उन्होंने खेत प्रबंधन के संबंध में बताया कि आलू की खेती के लिए खेत की जुताई बहुत अच्छी तरह से होनी चाहिए, एक जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से होनी चाहिए.

दो-तीन बार हैरो या देशी हल से जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा कर लेना चाहिए़ प्रत्येक जुताई के बाद पाटा लगाये़ खेत की तैयारी के समय 25 से 30 टन प्रति हेक्टेयर गोबर की सड़ी खाद खेत में छिड़काव करें सामान्यत: 120 से 150 किलो नेत्र जेन 20 से 100 किलोग्राम फास्फोरस 80 से 100 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर के हिसाब से छिड़काव करें नेत्रजेन की आधी मात्रा फॉस्फोरस व पोटाश की पूरी मात्रा बुवाई के समय दे़ उन्होंने बताया कि इसकी बुआई अक्टूबर मध्य सप्ताह में करें. बुआई के समय मौसम हल्का ठंडा होना चाहिए, खेत में 60 सेंटीमीटर की दूरी पर कतर बनाकर 20 सेंटीमीटर की दूरी पर 5 से 7 सेंटीमीटर की गहराई पर आलू का बीज बोए, पहले खेत में 15 सेंटीमीटर डोलिया बनाकर उसके गहराई में आलू की बीज को 5 से 7 सेंटीमीटर गहरा बोये, बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें, इस फसल के लिए 10 से 15 सिंचाई की जरूरत है, जैसे-जैसे फसल पकती जाए सिंचाई का अंतर बढ़ाएं, बुवाई के 35 दिन बाद जब पौधे 8 से 10 सेंटीमीटर के हो जाए तो खरपतवार निकाल कर मिट्टी चढ़ाना चाहिए, इसके बाद दोबारा मिट्टी चढ़ाना चाहिए, इस तरीके से खेती करने पर उन्नत खेती होगी, और किसानों को बेहतर उत्पादन का लाभ मिल पाएगा़

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel