20.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

कोमोलिका बारी के पिता ने तीरंदाज बनाने के लिए बेच दिया था घर, बेटी बनी विश्व चैंपियन, अब ओलिंपिक पर नजर

Jharkhand News, जमशेदपुर न्यूज (निसार) : भारतीय तीरंदाज कोमोलिका बारी ने विश्व युवा तीरंदाजी चैंपियनशिप के रिकर्व कैडेट वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर जमशेदपुर व राज्य का नाम पूरे विश्व में रोशन किया. कोमालिका अंडर-18 वर्ग में विश्व चैंपियन बनने वाली भारत की दूसरी तीरंदाज है. उनसे पहले दीपिका कुमारी ने 2009 में यह खिताब जीता था. वर्तमान में कोमोलिका बारी पेरिस में ओलिंपिक क्वालिफायर में हिस्सा ले रही हैं. कोमोलिका बारी के तीरंदाज बनने के पीछे उनके साथ-सात उनके पिता घनश्याम बारी का भी जुनून है. घनश्याम ने अपनी बेटी को बेहतर धनुष दिलाने के लिए अपना घर तक बेच दिया.

Jharkhand News, जमशेदपुर न्यूज (निसार) : भारतीय तीरंदाज कोमोलिका बारी ने विश्व युवा तीरंदाजी चैंपियनशिप के रिकर्व कैडेट वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर जमशेदपुर व राज्य का नाम पूरे विश्व में रोशन किया. कोमालिका अंडर-18 वर्ग में विश्व चैंपियन बनने वाली भारत की दूसरी तीरंदाज है. उनसे पहले दीपिका कुमारी ने 2009 में यह खिताब जीता था. वर्तमान में कोमोलिका बारी पेरिस में ओलिंपिक क्वालिफायर में हिस्सा ले रही हैं. कोमोलिका बारी के तीरंदाज बनने के पीछे उनके साथ-सात उनके पिता घनश्याम बारी का भी जुनून है. घनश्याम ने अपनी बेटी को बेहतर धनुष दिलाने के लिए अपना घर तक बेच दिया.

यह वाकया 2016 का है. कोमालिका के पिता घनश्याम बारी बताते हैं कि हमने तो बिटिया को सिर्फ इसलिए तीरंदाजी सीखने के लिए भेजा था, ताकि वह फिट रहे, लेकिन हमें क्या पता था कि कोमालिका तीरंदाजी को अपना करियर बना लेगी. कभी होटल तो कभी एलआइसी एजेंट का काम करने वाले कोमालिका के पिता बताते हैं कि तीरंदाजी की दुनिया में बिटिया के बढ़ते कदम ने हमें आर्थिक परेशानी में डाल दिया. डेढ़ लाख से तीन लाख तक की धनुष कोमालिका को देना बस की बात नहीं थी, लेकिन तीरंदाजी की दुनिया में कोमालिका के बढ़ते कदम ने हमें घर बेचने पर मजबूर कर दिया.

Also Read: Ormanjhi Zoo Ranchi News : ओरमांझी जू में अनोखे अंदाज में बाघिन अनुष्का के तीनों शावकों का हुआ नामकरण, ये हैं नाम

बेटी की कामयाबी से घर बेचने का मलालदूर हुआ. घनश्याम बारी ने बताया कि इधर उन्होंने अपने घर का सौदा किया और उधर कोमालिका को टाटा आर्चरी एकडेमी में जगह मिल गयी. एकेडमी में जगह मिलने के बाद कोमालिका को सारी सुविधा वहीं से मिलने लग गयी और घर बेचने के बाद जो पैसे आए, वह मेरे पास ही रह गये.

Also Read: काम की तलाश में दिल्ली गयी आदिवासी महिला को ढाई लाख में बेचा, रेस्क्यू कर राजस्थान से लायी गयी लातेहार

घनश्याम बारी कहते हैं कि घर बेचने का मलाल जरूर हुआ, लेकिन जब बेटी ने कामयाबी हासिल की तो यह सारा मलाल खत्म हो गया. हमारी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उन्होंने कहा कि घर-द्वार तो बनते रहेंगे, अब तो पहली इच्छा यही है कि कोमालिका ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करे. कोमोलिका की मां लक्ष्मी बारी आंगनबाड़ी सेविका हैं.

Also Read: Jharkhand Crime News : झारखंड में तस्करी के खिलाफ पुलिस को मिली सफलता, 22 क्विंटल से अधिक डोडा जब्त, राजस्थान के दो तस्कर समेत छह गिरफ्तार

Posted By : Guru Swarup Mishra

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel