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Yoga for Leg Pain Relief : पैरों की सूजन और दर्द से निजात दिलायेंगे ये योगासन

Yoga for Leg Pain Relief: योग के जरिये इन समस्याओं से निबटा जा सकता है. योग गुरु धीरज बता रहे हैं चार वैसे आसन, जो खासकर सूजन, दर्द, नसों का दबना जैसी तकलीफों से निजात दिलाने में सहायता करेंगे.

Yoga for Leg Pain Relief : जिंदगी के रास्तों पर आगे बढ़ने के लिए पैरों का स्वस्थ व मजबूत होना बेहद जरूरी है. पैरों में अगर सूजन, दर्द, नसों का दबना जैसी दिक्कतें आने लगें, तो जैसे सबकुछ ठहरा हुआ-सा लगने लगता है.

योग के जरिये इन समस्याओं से निबटा जा सकता है. योग गुरु धीरज बता रहे हैं चार वैसे आसन, जो खासकर इन्हीं तकलीफों से निजात दिलाने में सहायता करेंगे.

त्रिकोणासन

सीधे खड़े हो जाएं. पैरों को एक-दूसरे से तीन फुट की दूरी पर रखें. दायां पैर आपके सामने 90 डिग्री पर हो और बायां पैर पीछे 15 डिग्री के कोण पर हो. शरीर का भार दोनों पैरों पर बराबर रखें. गहरी सांस लेते रहें. दायें हाथ को दायें पैर के अंगूठे पर रखें और बायें हाथ को आसमान की ओर सीधा उठाएं. ध्यान रखें कि बाया हाथ सिर के बिल्कुल ऊपर हो.सिर को भी आसमान की ओर उठाएं और ऊपर की ओर देखें. इस दौरान दोनों हाथ एक सीधी रेखा में हों. इस दौरान गहरी सांस लेते-छोड़ते रहें.

अन्य लाभ : सीने व रीढ़ को स्ट्रेच करता है.

सावधानी : माइग्रेन और बीपी वाले न करें.

पार्श्व उत्तान आसन

पैरों को फैला कर खड़े हो जाएं, फिर दाहिने मुड़ें. पैरों के पंजे भी साथ में घूमेंगे. सांस अंदर भर के हाथ ऊपर करें. सांस छोड़ते हुए नीचे झुकते जाएं. जितना संभव हो, हाथों को जमीन से लगा दें. सिर भी नीचे रहेगा. इसको भी दोनों ओर से करना है. अन्य लाभ : यह आसन लिवर, तिल्ली और पेट की अच्छी मालिश करता है. सावधानियां : गर्भवती महिलाएं इसे न करें.

वीरभद्रासन-1

ताड़ासन की स्थिति में खड़े हो जाएं. दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाते हुए जमीन के समानांतर ले आएं. हथेलियों को सिर के ऊपर ले जाकर आपस में जोड़ लें. दायें पैर के पंजे को 90 डिग्री पर घुमाएं. बायें पैर के पंजे को 45 डिग्री पर घुमाएं. दायें पैर के घुटने को मोड़ते हुए 90 डिग्री का कोण बनाएं. सिर को पीछे की ओर झुकाएं और ऊपर की तरफ देखें. 30 से 60 सेकेंड तक बने रहें, फिर वापस आ जाएं. अन्य लाभ : श्वसन तंत्र ठीक रखता है. सावधानी : हृदय, गठिया वाले न करें.

योगगुरु को जानें

योगगुरु धीरज वर्तमान में अहमदाबाद‌ में वशिष्ठ योग आश्रम केंद्र के अंतर्गत देशव्यापी योग का आध्यात्मिक जागरण‌ अभियान‌ चलाते हैं. टीएन‌बी‌ कॉलेज भागलपुर से स्नातक करने के बाद 2004 में उन्होंने प्रतिष्ठित भारतीय जनसंचार संस्थान में दाखिला लिया. फिर 2011 में वशिष्ठ योग फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की और यहां से योग की वास्तविक और प्राचीन विद्या को जन-जन तक पहुंचाने के अभियान में जुट गये. यूट्यूब पर इनके लगभग साढ़े नौ लाख सबस्क्राइबर्स हैं.

पार्श्व कोणासन

हाथ कमर पर रख सीधे खड़े हो जाएं. गहरी सांस लें और दोनों पैरों को सुविधानुसार फैला लें. सांस को बाहर छोड़ते हुए दाहिने पैर के पंजे को 90 डिग्री और बायें पैर के पंजे को 60 डिग्री में घुमाएं, फिर दायें पैर को घुटनों से 90 डिग्री मोड़ें और जांघ को फर्श तक समानांतर में ले आएं. बायां पैर सीधा रहेगा और फैला हुआ भी. दायें हाथ को कोहनी से मोड़कर दायें पैर के घुटने पर रखना है. बायें हाथ को सिर के ऊपर से सीधा कर लें और बायें हाथ की हथेली की तरफ ऊपर देखें. यह आसन की पूर्ण स्थिति है.

अन्य लाभ : इससे पेट की मांसपेशियों पर खिंचाव आता है, जो पेट के सभी अंगों को सक्रिय करता है.

सावधानियां : किसी तरह का रक्तचाप, अनिद्रा, गर्दन में दर्द होने पर यह आसन ना करें.

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