Myths About Cholesterol: कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना एक बहुत ही आम समस्या बन चुकी है. हमारे असंतुलित लाइफस्टाइल और अनहेल्दी आहार का परिणाम बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के रूप में सामने आता है. आजकल लगभग हर घर में कोई ना कोई सदस्य कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जरूर पीड़ित है. अभी तक हम लोग यह जानते हैं की कोलेस्ट्रोल का बढ़ना स्वास्थ्य के लिए सही नही होता है इससे मोटापा, ब्लड प्रेशर,डायबिटीज ,हार्ट अटैक जैसी कई गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए लाभदायक भी होता है जी हां, कोलेस्ट्रोल का होना हमेशा शरीर को हानि नहीं पहुंचता बल्कि लाभ भी पहुंचाता है. शरीर के कोलेस्ट्रॉल को लेकर के कई ऐसी गलतफहमियां हमारे बीच फैली हुई हैं जिनको लोग सही समझकर डर कर जीते हैं. आज के इस लेख में हम कोलेस्ट्रॉल से जुड़ी कुछ ऐसी गलतफहमियों को दूर करेंगे जिसे सच समझकर लोग डरते आ रहे हैं.
कोलेस्ट्रॉल हमेशा नुकसानदायक होता है
इसका जवाब है नहीं. जी हां कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है एलडीएल और एचडीएल . यानी लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन जो बैड कोलेस्ट्रॉल होता हैं और एचडीएल हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन जो अच्छा कोलेस्ट्रॉल होता है. अगर शरीर में एलडीएल की मात्रा बढ़ जाए तो इससे शरीर को खतरा होता है लेकिन एचडीएल यानी गुड कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक नहीं होता है.कोलेस्ट्रॉल कई हार्मोन के निर्माण में जरूरी भूमिका निभाता है. शरीर में कोलेस्ट्रॉल होने के कारण ही विटामिन डी का शरीर में अवशोषण होता है और विटामिन डी की उपस्थिति के कारण ही कैल्शियम का अवशोषण होता है. कोलेस्ट्रॉल से कोशिका झिल्ली बनता है. कोलेस्ट्रॉल पाचन से संबंधित कई एसिड के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. कोलेस्ट्रॉल मेटाबॉलिज्म सही रखने के साथ-साथ शरीर में फैट का सही अवशोषण कोलेस्ट्रॉल के कारण ही होता है.
सिर्फ मोटे लोगो में होती है कोलेस्ट्रॉल की समस्या
नहीं कोलेस्ट्रॉल सिर्फ मोटे लोगों में ही नहीं पाया जाता है बल्कि पतले लोगों में भी पाया जाता है. शरीर में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना इस बात पर निर्भर नहीं करता है कि आपका वजन क्या है बल्कि कोलेस्ट्रॉल की वृद्धि वजन, उम्र, शारीरिक गतिविधि,आहार , जेनेटिक्स जैसी कुछ चीजों पर निर्भर करता है. अगर आपके आहार में फास्ट फूड, तेल ,घी ,मसाला जैसी चीजें ज्यादा रहती हैं या आप किसी प्रकार की कोई शारीरिक गतिविधि नहीं करते या आपके परिवार का इतिहास कोलेस्ट्रॉल वाला रहा है तो आप पतले या मोटे कुछ भी हों आपको कोलेस्ट्रॉल हो सकता है.
कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना हार्ट अटैक का कारण बन सकता है
हार्ट अटैक के कई कारण होते हैं जिनमे एक कारण यह भी है की अगर आपके बॉडी में एलडीएल यानी बैड कॉलेस्ट्रॉल ज्यादा मात्रा हो जाए तो इससे हार्ट अटैक जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है क्योंकि बैड कोलेस्ट्रॉल, वसा आदि पदार्थ कोरोनरी धमनी को ब्लॉक कर देता है जिससे हार्ट तक जाने वाली नसें काम करना बंद कर देती हैं जो हार्ट अटैक का कारण बनता है. लेकिन गुड कोलेस्ट्रॉल से हार्ट संबंधी कोई दिक्कत नही होती है.कहते का मतलब यह है की अगर शरीर में कोलेस्ट्रॉल का सामान्य स्तर है तो इसस हार्ट अटैक नहीं होने वाला.
कॉलेस्ट्रॉल सामान्य है यानी सब कुछ सही है
कोलेस्ट्रोल का सामान्य होना इस बात की गारंटी नहीं है कि आप भीतर से स्वस्थ और तंदुरुस्त हैं. शारीरिक बीमारियों के कई अन्य कारण भी होते हैं. अगर हार्ट अटैक की बात करें तो हार्ट से जुड़ी बीमारियां सिर्फ कोलेस्ट्रॉल की वृद्धि के कारण ही नहीं होती है बल्कि जीवनशैली की कई गलतियां जैसे स्मोकिंग, निष्क्रियता,शराब, नींद की अनियमितता, जेनेटिक्स, ब्लड प्रेशर जैसे कारणों से हार्ट से जुड़ी बीमारियां होती हैं. इसके अलावा शरीर की कई अन्य बीमारियों का कारण सिर्फ कोलेस्ट्रॉल ही नहीं होता है बल्कि हमारी पूरी लाइफस्टाइल से यह निर्धारित होता है कि हम स्वस्थ रहेंगे या अस्वस्थ.
कोलेस्ट्रॉल सिर्फ बड़े बुजुर्गों को होता है
ऐसा बिल्कुल नहीं है कि कोलेस्ट्रॉल की समस्या सिर्फ बड़े बुजुर्गों में होती है बल्कि कोलेस्ट्रॉल किसी उम्र में और किसी को भी हो सकती है. कोलेस्ट्रोल का होना पूरी तरह से इसपर निर्भर करता है कि आपकी जीवनशैली, आहार, शारीरिक गतिविधि, पारिवारिक इतिहास ये सब कुछ कैसा है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.