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शरीर के लिए बेहद खतरनाक है माइक्रोप्लास्टिक कण, सांस के जरिये आ रहे अंदर, कैंसर जैसी बीमारी का खतरा

शोधकर्ताओं का दावा है कि माइक्रोप्लास्टिक कण कई तरह से निक्सानदेह है. यह सांस के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है. कैंसर जैसे रोगों के लिए माइक्रोप्लास्टिक कण को जिम्मेदार माना जा रहा है. शोध में ये नतीजे आये है कि, रोजाना 7 हजार से ज्यादा माइक्रोप्लास्टिक कण हमारे शरीर में प्रवेश कर रहे हैं.

सिगरेट, तंबाकू से इतर एक और ऐसा पदार्थ है जो हमारे शरीर को बहुत ज्यादा नुक्सान पहुंचाता है. शोधकर्ताओं का दावा है कि यह माइक्रोप्लास्टिक कण कई तरह से निक्सानदेह है. यह सांस के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है. कैंसर जैसे रोगों के लिए माइक्रोप्लास्टिक कण को जिम्मेदार माना जा रहा है. शोध में ये नतीजे आये है कि, रोजाना 7 हजार से ज्यादा माइक्रोप्लास्टिक कण हमारे शरीर में प्रवेश कर रहे हैं.

ब्रिटेन की पोर्ट्समाउथ यूनिवर्सिटी की एक ताजा स्टडी में यह खुलासा हुआ है कि आमतौर पर बच्चों के खिलौने, बेड, कारपेट और सॉफ्ट टॉयज सिंथेटिक मटेरियल्स से बने होते हैं. सबसे खास बात यह है कि इन कणों के शरीर में पहुंचने की रफ्तार भी बहुत ज्यादा है. और इसका नुक्सान का असर भी काफी व्यापक है.

स्टडी के मुताबिक, विभिन्न माध्यम से शरीर में पहुंचकर ये मेटाबॉलिज्म और इम्युनिटी पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं. इसके अलावा ये रिप्रोडक्टिव सिस्टम को भी हानि पहुंचाते हैं. वहीं, ये कैंसर के लिए भी जिम्मेदार होते हैं. स्टडी में पाया गया है कि ये काफी तेजी से शरीर को नुकसान पहुंचाता हैं.

मॉरिसन में एक बच्ची के शरीर में ऐसे ही प्लास्टक और नॉयलोन जैसे प्लास्टिक के कण मिले हैं. सॉफ्ट टॉयज से खेलते के कारण इन बच्चों के शरीर में करीब 7 हजार माइक्रोप्लास्टिक कण पहुंच रहे थे. शोधकर्ताओं ने अपनी शोध के लिए ऐसे उपकरणों का सहारा लिया जो 10 माइक्रोन से भी पतले कणों का पता लगा सके. ऐसे कण हवा में तैरते हैं और सांस के जरीय शरीर में चले जाते हैं.

Posted by: Pritish Sahay

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