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Friday, March 29, 2024

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मास्क के इस्तेमाल से भारत में बच सकती 2 लाख लोगों की जान, लॉकडाउन में ढील से 1 दिसंबर तक 5 लाख लोगों की जा सकती है जान

covid death in india, wear mask reduce disease transmission, Health News : एक स्टडी के मुताबिक मास्क (Mask) का उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) के पालन से करीब 2 लाख लोगों की जान भारत (India) में 1 दिसंबर तक बच सकती है. जैसा कि ज्ञात हो ये गाइडलाइन कोरोना वायरस (Coronavirus Guideline) के रोकथाम हेतु सरकार द्वारा पहले जारी की जा चुकी है, जिनके पालन से ये संभव है. हालांकि, पूर्वानुमान में यह भी कहा गया है कि लॉकडाउन में ढील (Lockdown Relaxation) और मास्क के सही ढ़ंग से उपयोग (wear mask) न करने से 1 दिसंबर तक करीब 5 लाख लोगों की जान भी सकती हैं ..

covid death in india, wear mask reduce disease transmission, Health News : एक स्टडी के मुताबिक मास्क (Mask) का उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) के पालन से करीब 2 लाख लोगों की जान भारत (India) में 1 दिसंबर तक बच सकती है. जैसा कि ज्ञात हो ये गाइडलाइन कोरोना वायरस (Coronavirus Guideline) के रोकथाम हेतु सरकार द्वारा पहले जारी की जा चुकी है, जिनके पालन से ये संभव है. हालांकि, पूर्वानुमान में यह भी कहा गया है कि लॉकडाउन में ढील (Lockdown Relaxation) और मास्क के सही ढ़ंग से उपयोग (wear mask) न करने से 1 दिसंबर तक करीब 5 लाख लोगों की जान भी सकती हैं ..

आपको बता दें कि मास्क पर दुनियाभर में किए गए अलग-अलग अध्ययनों से भी यही पता चला है कि कोरोना काल में इसके निरंतर उपयोग से वायरस के प्रसार को 40 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है.

वाशिंगटन विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) के डॉ. क्रिस्टोफर मरे की मानें तो मास्क का उपयोग न तो आपको आर्थिक रूप से बाधित करता है और न ज्यादा खर्चीला होता है. जबकि, ये वायरस को रोकने में फिलहाल कारगार उपाय माना गया है. उनके अनुसार कोई जरूरी नहीं है कि आपका मास्क एन-95 जैसा या वही हो. इसके अलावा आप क्लॉथ मास्क को भी प्रयोग में ला सकते हैं. ये भी ठीक से काम करेंगे.

अंग्रेजी वेबसाइट एचटी में छपी रिपोर्ट के अनुसार, मॉडलिंग की भविष्यवाणी की मानें तो भारत में सबसे खराब स्थिति दिसंबर तक हो सकती है. इस अवधि तक 492,380 कोविड-19 मौतें दर्ज की जा सकती हैं. और इसका कारण लॉकडाउन के प्रतिबंधों में ढील और मास्क का गलत उपयोग या उपयोग नहीं करना भी कारण बन सकता है. वहीं, पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PHFI) के प्रमुख डॉ. गिरिधर आर बाबू की मानें तो मास्क के निरंतर उपयोग से हम एक महीने में प्रति दिन 419 मौत कम कर सकते हैं.

एचटी मे छपी रिपोर्ट के अनुसार अगर स्वास्थ्य संकट और गहराता है, तो 13 राज्य में एक दिसंबर तक 10,000 से अधिक कोविड-19 मौत संभव है. बात करें महाराष्ट्र की जो देश में वायरल कोरोना वायरस के प्रकोप का केंद्र बना हुआ है, वहां अभी तक 10,000 से अधिक मौतें पहले से ही दर्ज की जा चुकी है. यहां मौत का कुल आंकड़ा 24000 के पार जा चुका है.

जबकि, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoH & FW) के आंकड़ों की मानें तो देश में अभी तक कुल 65,288 कोविड-19 डेथ हो चुके हैं.

विशेषज्ञों की मानें तो यदि किसी राज्य में दैनिक मृत्यु दर आठ प्रति 10 लाख हो या उससे अधिक हो तो छह सप्ताह का लॉकडाउन लागू किया जाना चाहिए. साथ ही साथ मास्क का उपयोग 95 प्रतिशत तक किया जाना चाहिए.

मॉडल की भविष्यवाणी के अनुसार कम से कम आठ राज्यों में 1 दिसंबर तक 10,000 कोविड-19 रोगियों के मौत की संभावना है. इनमें आंध्र प्रदेश में 19,685, कर्नाटक में 31,001, केरल में 11,602, महाराष्ट्र में 85,686, पंजाब में 16,404, तमिलनाडु में 24,592, उत्तर प्रदेश में 21,524 और पश्चिम बंगाल में 22,053 मौतें होने की संभावना है. इस घातक रिपोर्ट के आधर पर 1 दिसंबर तक कोरोना के कहर का अंदाजा लगाया जा सकता है.

दिल्ली सहित कुछ शहरी क्षेत्रों में, सघन संपर्क अनुरेखण, दैनिक परीक्षण तंत्र की रैंपिंग, मास्क पहनने और सामाजिक दूर करने के मानदंडों को बनाए रखने जैसे उपायों ने छूत के प्रसार को कम करने में मदद की है.

आपको बता दें कि, आईएसएमई (Institute for Health Metrics and Evaluation) ने मार्च में ही संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) में महामारी का मॉडलिंग शुरू कर दिया था.

क्या है मॉडलिंग

दरअसल, ये आंकड़े को इकट्ठा करने वाले एक प्रकार के ग्रुप या स्वास्थ्य एजेंसी है. जो विभिन्न देशों में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत के आंकड़े इकट्ठा करती है. ताकि, महामारी के कई पहलुओं को बारिकी से समझा जा सके. मास्क पर पूर्वानुमान करने वाले महामारी विज्ञानियों ने उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर ही ये भविष्यवाणी और आंकड़े उपलब्ध करवाए हैं.

Note : उपरोक्त जानकारियां अंग्रेजी वेबसाइट एचटी के रिर्पोट के आधार पर है.

Posted By : Sumit Kumar Verma

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