Jharkhand News: झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव वन क्षेत्र के महोदी जंगल, बुढ़वा महादेव जंगल, डुमारो जंगल, अंबापानी जंगल बचाने को लेकर खैराततरी निवासी पारा शिक्षक (सहायक अध्यापक) कुलेश्वर कुमार महतो समर्पित हैं. कुलेश्वर कुमार महतो हर वर्ष मार्च से लेकर अप्रैल माह तक जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए निजी खर्च पर प्रयासरत रहते हैं. चाहे चिलचिलाती धूप हो या रात हो. उन्हें जंगलों में लगी आग को बुझाते देखा जा सकता है. उन्होंने केवल जंगलों में लगी आग को ही बुझाने का प्रयास नहीं किया है, बल्कि जंगल में पेड़-पौधे काटने वाले को भी रोकते हैं. आपको बता दें कि कुलेश्वर खैरातरी उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय में पारा शिक्षक हैं.
पढ़ाने के बाद निकल जाते हैं जंगल
शिक्षक कुलेश्वर कुमार महतो के कार्य को देखकर भारतीय वन प्रबंधन संगठन समिति के लोग भी इनको सहयोग करने लगे. समिति के अध्यक्ष बालेश्वर महतो का कहना है कि पूरे भारत में कुलेश्वर कुमार महतो की तरह युवाओं को होना चाहिए. तभी हमारा जंगल का बचेगा. हम लोग तो जंगलों का बचाव के लिए तत्पर रहते ही हैं, लेकिन कुलेश्वर कुमार महतो का जो जज्बा है, उससे हम लोग को प्रेरणा मिलती है. कुलेश्वर कुमार महतो खैरातरी उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय में पारा शिक्षक हैं. अपने स्कूल का काम निबटाने के बाद वे जंगल की ओर निकल जाते हैं. पेड़ -पौधे काटने वालों को रोकते हैं. इसकी सूचना वन विभाग को भी देते रहते हैं.

जंगल से मिली बचाने की प्रेरणा
पारा शिक्षक कुलेश्वर कुमार महतो को जंगल बचाने की प्रेरणा जंगल से ही मिली है. जंगलों को बचाने के लिए ये 2012 से प्रयासरत हैं. इस बार इन्होंने जंगल बुझाने के लिए वन विभाग से फायर ब्लोअर मशीन लायी है. यह यंत्र पेट्रोल से चलता है. जिसमें अपने निजी खर्चे से पेट्रोल भरकर जंगलों की आग को बुझाते हैं. उन्होंने बताया कि इस बार 15 दिनों से जंगल में आग बुझा रहे हैं. अब तक लगभग 20,000 रुपये खर्च हो चुके हैं. इसके अलावा जंगलों को बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने के लिए बैनर, पोस्टर प्रिंटिंग करवाने में भी अपना पैसा खर्च करते हैं. उन्होंने बुढ़वा महादेव, द्वारपाल, डुमारो जंगलों में लगी आग को बुझाया है. इन्हें समिति के लोग भी सहयोग करते हैं.
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