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गुमला का डेयरी बंद, लोहरदगा और रांची के डेयरी से दूध खरीद रहे लोग

इसके अलावा जिले में सुधा दूध, मेधा दूध, ओसम जैसे पैकेजिंग वाले दूध की भी काफी मांग है. परंतु जिले का एकमात्र डेयरी बंद होने के कारण दूध उत्पादन प्रभावित हुआ है. इस समस्या से निबटने के लिए गुमला में दूध बिक्री केंद्र की स्थापना कर रांची व लोहरदगा डेयरी द्वारा गुमला से दूध की खरीदारी की जा रही है.

गुमला : गुमला जिला का एक एकमात्र डेयरी (दुग्ध उत्पादन केंद्र) पिछले लगभग 15 वर्षों से बंद पड़ा हुआ है. डेयरी चंदाली के गव्य विकास कार्यालय परिसर में है. परिसर में डेयरी का भवन खड़ा है. डेयरी के बंद होने से जिले में दूध उत्पादन पर असर पड़ा है. ऐसा नहीं है कि जिले में दूध की मांग नहीं है. जिले में गाय, भैंस, क्रॉस ब्रीड आदि के दूध की मांग बहुत है.

इसके अलावा जिले में सुधा दूध, मेधा दूध, ओसम जैसे पैकेजिंग वाले दूध की भी काफी मांग है. परंतु जिले का एकमात्र डेयरी बंद होने के कारण दूध उत्पादन प्रभावित हुआ है. इस समस्या से निबटने के लिए गुमला में दूध बिक्री केंद्र की स्थापना कर रांची व लोहरदगा डेयरी द्वारा गुमला से दूध की खरीदारी की जा रही है. जिससे किसानों को फायदा हो रहा है. गुमला का डेयरी बंद होने से दूध उत्पादक किसान दूध को जरूरतमंद लोगों को बिक्री कर देते हैं.

परंतु बिक्री होने के बावजूद कई किसानों के पास कई लीटर दूध बच जाता था. जो खराब हो जाता था. जिससे किसानों को सीधे तौर पर आर्थिक नुकसान हो रहा था. इस नुकसान से किसानों को बचाने के लिए विभाग ने पहल की है. गव्य विकास विभाग द्वारा न केवल किसानों के बीच अनुदान पर दुधारू गाय, भैंस व क्रॉस बीड का वितरण किया जा रहा है, बल्कि झारखंड सरकार के अनुषांगिक इकाई झारखंड मिल्क फेडरेशन (जेएमएफ) के रूप में दूध उत्पादक किसानों के दूध की बिक्री के लिए एक बेहतर बाजार भी उपलब्ध कराया जा रहा है.

गव्य विकास विभाग की पहल पर गुमला जिले के घाघरा, धोबनी, देवाकी, खरका, टोटो, चंदाली, भरनो, सिसई, बघनी, करकरी आदि गांवों में किसानों से दूध खरीदारी के लिए एक-एक दूध क्लेक्शन सेंटर बनाया गया है. घाघरा, धोबनी, देवाकी, खरका, टोटो व चंदाली से किसानों से दूध की खरीदारी जेएमएफ के लोहरदगा डेयरी एवं भरनो, सिसई, बघनी व करकरी सेंटर से रांची डेयरी द्वारा दूध की खरीदारी की जा रही है.

प्रति लीटर दूध पर मिलता है 28 से 38 रुपये

दूध उत्पादन सेंटरों में सेंटर सहित आसपास के क्षेत्रों के किसान अपने दूध की बिक्री करते हैं. जिससे किसानों को अच्छी आमदनी हो रही है. बतातें चले कि दूध दो प्रकार के फैट और सॉलिड नोट फैट होता है. इसमें एक दूध क्रीम एवं एक दूध बिना क्रीम वाला होता है. दूध की क्वालिटी के हिसाब से सेंटर में किसानों से 28 रुपये से लेकर 38 रुपये प्रति लीटर की दर से दूध की खरीदारी की जा रही है.

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