32.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Darlings Movie Review: आलिया भट्ट और शेफाली शाह की शानदार परफॉर्मेंस बनाती है डार्लिंग्स को खास

Darlings Movie Review: अभिनेत्री आलिया भट्ट फ़िल्म डार्लिंग्स से निर्मात्री भी बन चुकी हैं.आलिया भट्ट की यह फ़िल्म घरेलू हिंसा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर हैं,लेकिन इस फ़िल्म की खासियत इसकी ट्रेजेडी में कॉमेडी वाली ट्रीटमेंट है. जिससे यह ढाई घंटे की फ़िल्म एंगेज करके रखती है.

फ़िल्म- डार्लिंग्स

निर्माता-आलिया भट्ट और गौरी खान

निर्देशक- जसमीत

कलाकार-आलिया भट्ट,शेफाली शाह,विजय वर्मा,रोशन मैथ्यू,राजेश कुमार और अन्य

प्लेटफार्म-नेटफ्लिक्स

रेटिंग-तीन

अभिनेत्री आलिया भट्ट फ़िल्म डार्लिंग्स से निर्मात्री भी बन चुकी हैं. आलिया भट्ट की यह फ़िल्म घरेलू हिंसा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर हैं,लेकिन इस फ़िल्म की खासियत इसकी ट्रेजेडी में कॉमेडी वाली ट्रीटमेंट है. जिससे यह ढाई घंटे की फ़िल्म एंगेज करके रखती है. फ़िल्म बीच में नीरस होती है,उलझती है,असल मुद्दे से भटकती भी है लेकिन आखिर में क्लाइमेक्स में पटरी पर फ़िल्म लौट आती है.

फ़िल्म डार्लिंग्स की कहानी बदले की है

फ़िल्म की कहानी बदरू(आलिया भट्ट) और हमजा (विजय वर्मा) की है.दोनों ने प्रेम विवाह किया है ,लेकिन शादी के कुछ सालों बाद ही हमजा बदरू को छोटी-छोटी बात पर पीटने लगता है,और उसका दोष वह शराब को देने लगता है.बदरू को भी लगता है कि शादी में ऐसे छोटे- मोटे झगड़े होते ही हैं.एक दिन हमजा सुधर जाएगा लेकिन हालात दिन ब दिन बद से बदतर हो जाता है,जब इस घरेलू हिंसा का शिकार बदरू की अजन्मी बच्ची बन जाती है.बदरू पूरी तरह से बदल जाती है.वह क्या फैसला करती है.यही आगे की कहानी है.फ़िल्म का ट्रीटमेंट खास है.

फ़िल्म की आधार महिलाएं हैं,लेकिन दोनों ही अपने जीवन के पुरुषों से परेशान रही हैं,लेकिन बेचारी टाइप फ़िल्म में उनको नहीं दिखाया गया है. वे चतुर और चालाक भी है. खराब रिश्ते को एक महिला को क्यों ढोना पड़ता है.वो फ़िल्म के एक संवाद में ही जाहिर हो गया है. जब हमजा बदरू को कहता है कि तुम मेरे बिना कैसे रहोगी.तुम तो अकेले फ़िल्म भी नहीं जा सकती हो.तुम्हे बिजली का बिल भी भरना नहीं आता है. यहां तंज समाज की सोच पर भी है. फ़िल्म की स्क्रिप्ट में खामियां भी हैं,सेकेंड हाफ में फ़िल्म उलझती है.कई दृश्य खुद को दोहराते नज़र आए हैं. फ़िल्म की एडिटिंग पर थोड़ा और काम किया जाना था.

कलाकारों की एक्टिंग है दमदार

आलिया भट्ट कमाल की अभिनेत्री हैं,इस फ़िल्म से वे एक बार फिर इस बात को साबित करती हैं .बदरू के किरदार के लिए जिस तरह से उन्होंने लहजा से लेकर फिजिकल अपीयरेंस को अपनाया है उसके लिए एक बार फिर वो तारीफ बटोर ले जाती हैं.ओटीटी क्वीन शेफाली शाह एक बार फिर उम्दा रही हैं. आलिया और उनकी जुगलबंदी फ़िल्म में देखने लायक है.

विजय वर्मा ने भी अपने किरदार को बखूबी जिया है,फ़िल्म देखते हुए आपको उनके किरदार पर गुस्सा आता है,जो एक एक्टर के तौर पर उसकी जीत है.राजेश शर्मा के हिस्से में फ़िल्म में संवाद नहीं हैं,लेकिन वे नोटिस होते हैं.रोशन मैथ्यू अपनी भूमिका में जमें हैं.बाकी के किरदारों का काम भी अच्छा है. कुलमिलाकर इस फ़िल्म की यूएसपी इसके कलाकारों के अभिनय को कहा जा सकता है.

दूसरे पहलू भी हैं शानदार

फ़िल्म का गीत-संगीत कहानी कहानी के साथ चलते हैं.वह इसकी गति में बाधा नहीं डालते हैं.कहानी और सिचुएशन के अनुरूप फ़िल्म का गीत-संगीत है.

फ़िल्म की सिनेमेटोग्राफी कहानी की दुनिया को बखूबी परदे पर ले आयी है तो फ़िल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक भी परफेक्ट है. फ़िल्म के संवाद किरदारों और उनकी दुनिया को हकीकत के साथ बखूबी जोड़ती है. ट्विटर वालों के लिए दुनिया बदलती है, हमारे लिए नहीं.

देखें या ना देखें

कहानी की कुछ खामियों के बावजूद यह फ़िल्म इसके ट्रीटमेंट और कलाकारों के दमदार परफॉर्मेंस के लिए देखी जानी चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें