मुंबई: बीते जमाने की मशहूर अभिनेत्री आशा पारेख ने कहा है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का यह बयान कि पद्मभूषण पुरस्कार पाने के लिए मैं उनके ‘पीछे’ पड़ी थी, काफी कष्टप्रद था. राष्ट्रीय राजमार्ग एंव परिवहन मंत्री ने पिछले वर्ष कहा था कि आशा पारेख ने इस पुरस्कार के लिए सिफारिश लगवाने के वास्ते उनसे मुलाकात की थी. 74 वर्षीया अभिनेत्री ने कहा कि गडकरी का बयान ठीक नहीं था.
आशा ने कहा,‘ मुझे इससे चोट पहुंची है. जो उन्होंने किया वह सही नहीं था. लेकिन मैंने उसे एक चुटकी नमक के साथ निगल लिया. मेरे लिए यह मायने नहीं रखता….विवाद फिल्म उद्योग का एक हिस्सा है. भारत रत्न और पद्म विभूषण के बाद पद्म भूषण तीसरा सबसे बडा नागरिक सम्मान है.
गडकरी ने दावा किया था कि अभिनेत्री ने उनसे कहा था कि भारतीय फिल्म उद्योग को दिए गए योगदान को देखते हुए वह पद्म भूषण की हकदार हैं. आशा परेख को 1992 में पद्म श्री से और 2014 को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था. 1959 से 1973 के बीच आशा पारेख की गिनती शीर्ष अभिनेत्रियों में होती थी.
पारेख की आत्मकथा ‘द हिट गर्ल’ का विमोचन 10 अप्रैल को होना है. उन्होंने कहा, ‘मैं चाहती हूं कि लोग इस किताब को पढें. मैं अपने अस्पताल पर भी ध्यान केन्द्रित करना चाहती हूं, इसलिए मुझे इसका उतना दबाव नहीं है. मुझे ज्यादा चिंता अस्पताल की है.’