50 के दशक में अपनी सुरीली आवाज से लाखों दिलों पर राज करनेवाली जानीमानी पार्श्व गायिका मुबारक बेगम हमारे बीच नहीं रहीं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत रेडियो से की थी और इसके बाद ही वे फिल्मों में काम करने लगी थी. बेगम ने मुख्य तौर पर 1950 से 1970 के दशक के बीच बॉलीवुड के लिए सैकड़ों गीतों और गजलों को अपनी आवाज दी थी जिसके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है. जानें उनके बारे में 10 अहम बातें…
1. मुबारक बेगम का जन्म राजस्थान के चुरु जिले के सुजानगढ़ सुजानगढ़ कस्बे में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था. उनकी शादी शेख सेहुई थी.उनके दो बच्चे (एक बेटा और एक बेटी) थी.
2. रेडियो में काम करने के बाद उन्होंने वर्ष 1949 की हिंदी फिल्म ‘आईए’ में एक पार्श्व गायिका के तौर पर काम किया. उन्हें भारतीय-पाकिस्तानी कंपोजर नाशद (यहां भारतीय कंपोजर नौशाद का जिक्र नहीं किया जा रहा है) ने पहला ब्रेक दिया था. उन्होंने इसी फिल्म में लता मंगेशकर के साथ एक युगल गीत भी गाया था.
3. उन्होंने अपने करियर के दौरन हिंदी फिल्मों में लगभग 178 गाने गाये. वर्ष 1961 में आई किदार शर्मा की फिल्म ‘हमारी याद आयेगी’ के गाने ‘कभी तन्हाईयों में यूं…हमारी याद आयेगी…’ और 1963 की फिल्म ‘हमराही’ का गाना ‘मुझको अपने गले लगालो…’ मुबारक बेगम के हिट गानों में से एक माने जाते हैं.
‘कभी तन्हाईयों में यूं…हमारी याद आयेगी…’
4. पति और बेटी के मौत के बाद मुबारक बेगम अपने बेटे, बहु और पोती के साथ रहने लगी थीं. उनकी संगीत में बहुत रुचि थी लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से वे इंडस्ट्री में अपना योगदान देने के लिए सक्षम नहीं थीं.
5. वर्ष 2015 में बिमारी के कारण मुबारक बेगम की बेटी की मौत हो गई थी. इसके बाद उनकी सेहत भी लगातार बिगड़ने लगी.
6. वे मुंबई के जोगिश्वरी स्थित बेहरम बाग में एक बेडरुम के अपार्टमेंट में रहती थीं. उनके साथ उनका बेटा, बहु और पोती के साथ रहती थीं. आय के तौर पर उनके पास केवल पति की पेंशन थी जो काफी कम थी.
7. वर्ष 2016 में खबर आई कि उन्हें खराब स्वास्थ्य के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है. लेकिन उनके परिवार के पास अस्पताल का बिल भरने के लिए पैसे नहीं थे.
8. मुबारक बेगम की बहु ने अपने एक बयान में बताया था कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के अभिनेता सलमान खान एक ऐसे अभिनेता थे जिन्होंने उनकी आर्थिक रुप से मदद की. साथ ही उन्होंनेलंबे समय तक मुबारक बेगम की दवाईयों का भी पूरा खर्च उठाया था.
9. मुबारक बेगम के बेटी के मौत के बाद लता मंगेशकर उनसे मिलने हॉस्पिटल पहुंची थी. साथ ही उन्होंने बेगम की जरूरतों और वित्तीय सहायता के लिए भी हाथ बढ़ाया था.
10. मुबारक बेगम ने वर्ष 1980 में फिल्म ‘रामू तो दीवाना है’ के लिए गाने रिकॉर्ड किये थे. चंदू के संगीत में उन्होंने दो गाने ‘आओ तुझे मैं प्यार करूं…’ और ‘सांवरिया तेरी याद में…’ गाये थे.