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आशा पारेख ने पद्म भूषण के लिए पैरवी की : गडकरी

नागपुर : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पद्म पुरस्कारों को ‘सिरदर्द’ बताते हुए कहा कि लोग इसके लिये अपने नाम की सिफारिश करने का आग्रह करते हुए उनके पीछे पडे रहते हैं और इस सिलसिले में उन्होंने जानीमानी बॉलीवुड अभिनेत्री आशा पारेख का जिक्र किया जो कथित तौर पर पद्म भूषण पुरस्कार के लिए उनके […]

नागपुर : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पद्म पुरस्कारों को ‘सिरदर्द’ बताते हुए कहा कि लोग इसके लिये अपने नाम की सिफारिश करने का आग्रह करते हुए उनके पीछे पडे रहते हैं और इस सिलसिले में उन्होंने जानीमानी बॉलीवुड अभिनेत्री आशा पारेख का जिक्र किया जो कथित तौर पर पद्म भूषण पुरस्कार के लिए उनके नाम की अनुशंसा करने का आग्रह करने के लिये बारहवीं मंजिल पर स्थित उनके मकान में सीढियां चढकर पहुंची थीं क्योंकि लिफ्ट खराब थी.

गडकरी ने कहा कि कुछ और लोग भी इन शीर्ष नागरिक सम्मानों को लेकर उनके ‘पीछे पडे’ रहते हैं. गडकरी ने कहा कि इन दिनों पद्म पुरस्कार ‘सिरदर्द’ बन गये हैं. गडकरी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘आशा पारेख यह कहते हुए प्रतिष्ठित पद्म भूषण पुरस्कार की अनुशंसा करने का आग्रह करने के साथ मेरे पास आयी थीं कि वह इसकी हकदार हैं.’ मंत्री ने कहा कि ऐसी अनुशंसाओं के लिए उनका ‘पीछा’ किया जा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘(हमें) पद्मश्री और पद्म भूषण की (अनुशंसा) लिए कितने पत्र मिलते हैं. मैंने अभी तक हजारों अनुशंसा वाले पत्र भेजे हैं. अब बडी संख्या में लोग पद्मश्री और पद्म भूषण चाहते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘एक अभिनेत्री ने मुझसे मुलाकात की, वह वृद्ध हो गई थीं…आशा पारेख. वह मुम्बई में मुझसे मिलने आयीं. मेरे आवास की लिफ्ट खराब थी, वह 12 मंजिल चढ कर आयीं, मुझे बहुत खराब लगा. मैंने उनसे पूछा कि उन्होंने इतना कष्ट क्यों उठाया.’

गडकरी ने कहा, ‘उन्होंने कहा कि नितिनजी मुझे पद्मश्री मिला है अब मैं पद्म भूषण चाहती हूं। मैंने कहा कि आपको पद्मश्री मिला है, वह पद्म भूषण जैसा ही है. उन्होंने कहा ‘नहीं’. उन्होंने कहा कि उन्होंने इतनी फिल्मों में काम किया है. आशा पारेख सचमुच एक बडा नाम है लेकिन कहीं न कहीं उन्हें महसूस होता है कि उन्हें पद्म भूषण मिलना चाहिए.’

भारत रत्न और पद्म विभूषण के बाद पद्म भूषण तीसरा शीर्ष नागरिक सम्मान है और यह पद्मश्री से पहले आता है. गडकरी ने दावा किया कि पारेख ने उनसे कहा था कि भारतीय फिल्म उद्योग में उनके योगदान के चलते वह पद्म भूषण की हकदार हैं. पारेख की प्रतिक्रिया प्राप्त करने के प्रयास सफल नहीं हुए. 73 वर्षीया पारेख को 1992 में पद्मश्री और 2014 में लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार मिला था.

1959 से 1973 तक वह हिंदी फिल्मों की शीर्ष अभिनेत्रियों में से एक थीं. उन्होंने अपने समय के शीर्ष अभिनेताओं जैसे शम्मी कपूर, राजेंद्र कुमार, राजेश खन्ना एवं अन्य के साथ काम किया.

Prabhat Khabar Digital Desk
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