नयी दिल्ली : बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता अक्षय कुमार की पत्नी और अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना अचानक से एक बार फिर चर्चे में आ गईं हैं. इस बार वह विवादों में छाए रहे एआईबी रोस्ट के कारण चर्चा में हैं. उन्होंने इस शो के समर्थन में एक ब्लॉग लिखकर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है जिसके कारण वह सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्रेंड करने लगी. ट्विंकल के इस ब्लॉग की अर्जुन कपूर, करन जौहर और सोनाक्षी सिन्हा ने ट्विटर पर काफी तारीफ की. गौरतलब है कि इस शो में कुछ विवादास्पद शब्दों के कारण चारों ओर इसकी आलोचना हुई थी. कुछ दिन पहले ही एआईबी रोस्ट के आयोजकों और इसके एक कार्यक्रम में शामिल हुए बॉलीवुड कलाकारों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई थी.
“@sonakshisinha: “:http://t.co/Y97fLT9iqK pic.twitter.com/ONd5As7Cqo” STANDING OVATION- thank you -Its crazy-u weren't even on stage!
— Twinkle Khanna (@mrsfunnybones) February 16, 2015
एआईबी रोस्ट को लेकर ट्विंकल खन्ना ने टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए एक ब्लॉग लिखा. इसके बाद ट्विंकल ने इस ब्लॉग को अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया. एआईबी रोस्ट में इस्तेमाल की गई गालियों से नाराज होने वालों के लिए ट्विंकल ने अपने ब्लॉग में लिखा- राजनीतिक मंच पर सत्ता चला रही एक पार्टी की सदस्य ने हममें से कुछ लोगों के लिए ‘हरामजादे’ शब्द का इस्तेमाल किया था, वह कोई स्टैंडअप कॉमेडियन नहीं थी. लेकिन उनके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई ना ही कोई कार्रवाई की गई. जबकि एआईबी रोस्ट के कॉमेडियन कलाकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई.
उन्होंने लिखा है कि पिछले कुछ महीनों में हम ओबामा के च्यूंगम, मोदी के सूट, किरन बेदी की कई बातों से परेशान हुए हैं और साथ ही रोस्ट से. अगर मैं किसी लाइव शो से अपमानित महसूस करती हूं तो मुझे अरनब के शो से अपमानित होना चाहिए जो कि लोगों को अपने शो में बुलाकर उन्हें बोलने ही नहीं देते. मैंने एक एपिसोड देखा था कि उन्होंने हमारे एजुकेशन मिनिस्टर को बुलाया और उनसे सवाल पूछने पर उनके जवाबों पर चिल्लाने लगे. ये बहुत ही बुरी बात है. कम से कम एआईबी रोस्ट में उन्होंने लोगों को बतौर गेस्ट बुलाया और उन्हें बोलने दिया. लोग हंसे और घर चले गये. लेकिन फिर भी हम इस बात को इतना बढ़ा रहे हैं. जबकि उन्होंने पहले ही कहा था कि ये शो एडल्ट्स के लिए ही है."
ट्विंकल ने आगे लिखा- मेरा शहर ‘बॉम्बे’ हमेशा मेरे दिल में रहेगा क्योंकि मैंने इसे इसी तरह ही जाना है. मुझे इस बात से कोई विरोध नहीं है कि एक राजनीतिक पार्टी ने इसे ब्रिटिश शासन की निशानी बताते हुए इसका नाम बदलकर मुंबई रखने का फैसला किया. लेकिन कुछ हफ्तों पहले मिहिर जोशी की फिल्म में ‘बॉम्बे’ शब्द को आने पर मैं खुद को अपना सिर हिलाने से नहीं रोक पाई.