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इस अभिनेत्री की परफॉर्मेंस देखने मोहल्ले से आते थे लोग, मिलते थे समोसे-रसगुल्ले

दिव्या दत्ता बॉलीवुड में ढाई दशक बिता चुकी हैं और अपने आपको कैरेक्टर एक्टर के तौर पर स्थापित कर चुकी हैं. नेशनल अवॉर्ड विनर दिव्या ने हाल ही में अपने एक्टिंग के पैशन के बारे में बात की थी. उन्होंने बताया कि मैं चार साल की उम्र से ही एक्टर बनने का ख्वाब देखा करती […]

दिव्या दत्ता बॉलीवुड में ढाई दशक बिता चुकी हैं और अपने आपको कैरेक्टर एक्टर के तौर पर स्थापित कर चुकी हैं. नेशनल अवॉर्ड विनर दिव्या ने हाल ही में अपने एक्टिंग के पैशन के बारे में बात की थी. उन्होंने बताया कि मैं चार साल की उम्र से ही एक्टर बनने का ख्वाब देखा करती थी. मैं अपनी मां का दुपट्टा अपनी कमर पर बांध लिया करती थी और मुंह पर रेड लिपस्टिक लगाकर अमिताभ बच्चन के ‘खईके पान बनारस वाला’ सॉन्ग पर परफॉर्म करने की कोशिश करती थी.

उन्होंने आगे कहा कि ‘मेरी परफॉर्मेंस को देखने के लिए पूरे मोहल्ले को इंवाइट किया जाता था. साथ ही लोगों को समोसे, गुलाब जामुन और रसगुल्ले भी परफॉर्मेंस के दौरान सर्व किया जाता था. मुझे अपनी ऑडियन्स की प्रतिक्रियाएं बेहद अच्छी लगती थीं.’

उन्‍होंने आगे कहा,’ मैं एक्ट्रेस बनने के काफी सपने देखा करती थी.’ उन्होंने बॉलीवुड में अपने संघर्षों के बारे में बात करते हुए कहा कि ‘मेरी जिंदगी में कई उतार चढ़ाव आए हैं. मैं एक नॉन फिल्मी बैकग्राउंड से हूं और मुझे मेरे घरवालों ने काफी प्रोटेक्ट किया है.

अभिनेत्री ने आगे कहा,’ खास बात ये है कि इंडस्ट्री में आपको कोई डायरेक्ट रिजेक्ट नहीं करता है, इस डर से कि कहीं अगली बार कोई शख्स स्टार ना बन जाए, इसलिए अक्सर लोग इंडस्ट्री में आपको कहते मिल जाएंगे कि हम जल्द साथ में काम करेंगे.

उन्‍होंने कहा,’ हालांकि मेरी मां ने एक बार मुझे कहा था कि क्या उन्हें लगता है कि तुम बेहतरीन एक्टर हो ? नहीं, उन्हें लगता है कि तुम एक आकर्षक चेहरे वाली महिला हो, इसलिए लीड रोल्स की तलाश बंद करो और स्ट्रॉन्ग किरदार को ढूंढो जिससे तुम अपनी एक्टिंग क्षमता का दुनिया के सामने प्रदर्शन कर सको.

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