नयी दिल्ली: सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का कहना है कि फिल्मों में अलग अलग लोगों, संस्कृतियों और देशों को करीब लाने की ताकत है.
राठौड़ नेसोमवार शाम ‘यूरोपिय संघ फिल्म उत्सव’ (EUFF) का उद्घाटन करते हुए कहा कि सिनेमा विभिन्न मानवीय भावनाओं को रेखांकित करता है.
मंत्री ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, 16 साल की उम्र में सेना में शामिल होने और 23 वर्षों तक देश की सेवा करने के बाद, मैं हमेशा सीमा पार लोगों को संदिग्ध निगाहों से देखता था, लेकिन एकबार जब मैंने विश्व घूमना शुरू किया, तो मुझे एहसास हुआ कि हमारी त्वचा का रंग, हमारी संस्कृति और हमारी वेश-भूषा भले ही अलग हो लेकिन यह एक ग्रह है और हम सब इसमें रहने वाले एकसमान लोग हैं और मेरा मानना है कि जब हम ये फिल्में देखते हैं तो इसी एक पहलू को दोहराते हैं.
उन्होंने कहा, ये फिल्में भले ही यूरोप, भारत और एशिया के विभिन्न देशों में फिल्मायी गयी हो लेकिन इन फिल्मों द्वारा दिए संदेश से किसी भी देश के किसी भी व्यक्ति को जोड़ा जा सकता है. मुझे लगता है कि यही पहलू हमें आपस में जोड़ता है. भावनाएं, दर्द और खुशियां एक हैं, इसलिए फिल्म के किसी अन्य भाषा में होने पर भी कोई भी इसे समझ सकता है और इसकी सराहना कर सकता है.
ईयूएफएफ का आयोजन यूरोपीय संघ और विभिन्न सिटी फिल्म क्लब में यूरोपीय संघ के सदस्य राष्ट्रों के दूतावासों के प्रतिनिधियों के साथ भागीदारी कर भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के फिल्मोत्सव निदेशालय द्वारा किया गया है.
महोत्सव के दौरान 18 जून से 31 अगस्त तक नयी दिल्ली, चेन्नई, पोर्ट ब्लेयर, पुद्दुचेरी, कोलकाता, जयपुर, विशाखापत्तनम, त्रिशुर, हैदराबाद और गोवा सहित देश के 11 शहरों में फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा.
विविधता को प्रदर्शित करती ईयूएफएफ ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोएशिया, साइप्रस, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, इटली, लातविया, लिथुआनिया, लक्समबर्ग, नीदरलैंड, पोलैंड, पुर्तगाल, स्लोवाकिया, स्पेन और स्वीडन की फिल्में दिखायी जाएंगी.