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Bhabiji Ghar Par Hain : ये हैं मनमोहन तिवारी की रि‍यल वाइफ, जानिये पर्सनल लाइफ के बारे में

Bhabiji Ghar Par Hain- एंड टीवी के लोकप्रिय शो 'भाबीजी घर पर हैं' (Bhabiji Ghar Par Hain) के मनमोहन त‍िवारी आज अपनी अदाकारी से लोगों का दिल जीत चुके हैं. अपने एक्‍सप्रेशन से वह आज घर-घर में पसंद क‍िए जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते है उनका असली नाम रोहिताश गौड़ (Rohitash Gaud) है. शो में उनकी पत्नी का रोल अंगूरी भाभी ने निभाया है, लेकिन रियल लाइफ में उनकी पत्नी का नाम रेखा है औऱ वो बहुत सिंपल हैं.

Bhabiji Ghar Par Hain : एंड टीवी के लोकप्रिय शो ‘भाबीजी घर पर हैं’ (Bhabiji Ghar Par Hain) के मनमोहन त‍िवारी आज अपनी अदाकारी से लोगों का दिल जीत चुके हैं. अपने एक्‍सप्रेशन से वह आज घर-घर में पसंद क‍िए जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते है उनका असली नाम रोहिताश गौड़ (Rohitash Gaud) है. शो में उनकी पत्नी का रोल अंगूरी भाभी ने निभाया है, लेकिन रियल लाइफ में उनकी पत्नी का नाम रेखा है औऱ वो बहुत सिंपल हैं.

रोहिताश गौड़ मूलत: चंडीगढ़ के कालका के रहने वाले है. बचपन से ही एक्‍ट‍िंग का जुनून सवार था तो मुंबई चले आए. उन्होंने 1997 में जय हनुमान सीरियल से एक्टिंग करियर की शुरुआत की. 2001 में आई फ‍िल्‍म वीर सावरकर से उन्‍होंने फ‍िल्‍मों में कदम रखा.

इसके अलावा 2010 में टीवी सीरियल लापतागंज से जुड़े थे. उसमें इन्हें खूब प्रशंसा मिली थी. उसके बाद मशहूर स्क्रिप्ट राइटर मनोज संतोषी ने उन्हें ‘भाबीजी घर पर हैं में काम करने के लिए कहा. पहले मना कर दिया. मगर पत्नी रेखा ने कहा कि नहीं लीड रोल मिल रहा है तो इसे करिए. इस सीरियल में ऐसे रम गए कि देखते ही देखते पांच वर्ष कब बीत गए, पता ही नहीं चला.

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रोहिताश गौड़ की पत्नी का नाम रेखा हैं औऱ वो कैंसर रिसर्च के लिए काम करती हैं. रेखा अक्सर रोहिताश के साथ कई मौकों पर नजर आती है. एक इंटरव्यू के दौरान एक्टर ने बताया था कि काम के बाद अगर उन्हें समय मिलता है तो वो अपनी पत्नी का खाना बनाने में मदद करते हैं. इसके अलावा इनका घर का नाम ‘जूजू’ है. वहीं, उन दोनों की दो बेटियां है और उनकी बड़ी बेटी का नाम गीती गौड़ व छोटी बेटी संगीती गौड़ है.

अमर उजाला से बातचीत में रोहिताश गौड़ ने बीते दिनों की याद करते हुए बताया था कि कालका के मेन बाजार में स्थित सरकारी स्कूल में उनके पिता ने साइंस में उनका दाखिला कराया था. लेकिन मन साइंस में बिल्कुल नहीं लगता था. इसलिए वह जानबूझ कर 11वीं में फेल हो गए. तब फिजिक्स के प्रोफेसर एडी अरोड़ा ने पिता को बताया कि वह एक कलाकार को साइंटिस्ट बनाने की जिद क्यों कर रहे हैं. तब जाकर रोहिताश को आर्ट्स में एडमिशन दिलाई गई. जिसमें उन्होंने टॉप किया था.

रोहिताश ने बताया कि कालका के सरकारी कॉलेज में स्टडी के दौरान उन्होंने एक नाटक ‘नाटक नहीं’ में काम किया था. जिसके चलते उन्हें इंटर जोनल लेवल पर बेस्ट एक्टर के अवॉर्ड से भी नवाजा गया था. नाटक के लिए कॉलका कॉलेज की खूब सराहना भी हुई.

Posted By: Divya Keshri

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