Rajasthan Election 2023 : इस साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में एक बार फिर कांग्रेस सरकार बनने का भरोसा जताते हुए कहा है कि इस बार वह ‘मिशन 156’ लेकर चल रहे हैं. राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन क्या कांग्रेस यहां लगातार दुबारा सरकार बना पाएगी? यह पूछे जाने पर गहलोत ने भरतपुर में मीडिया से कहा कि इस बार तो मिशन 156 (सीट) ... पहली बार जब मैं मुख्यमंत्री बना तो हम 156 सीट जीतकर आए थे, इस बार भी मैं मिशन-156 की बात कर रहा हूं. अपनी सरकार की लोककल्याणकारी योजनाओं व बजट की ओर इशारा करते हुए गहलोत ने विश्वास जताया कि मतदाता एक बार फिर कांग्रेस को मौका देंगे.
कांग्रेस के कलह पर नजर
राजस्थान कांग्रेस के अंदर जो कलह चल रही है वो किसी से छिपी नहीं है. साल 2018 में जब से अशोक गहलोत ने सत्ता संभाली है, सचिन पायलट गुट के साथ उनके रिश्तों में खटास जारी है. यदि आपको याद हो तो पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अशोक गहलोत का नाम उछला था तो उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया था. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके पद छोड़ने की स्थिति में सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनने की संभावना थी, जो अशोक गहलोत को इच्छा के विपरीत थी. यही नहीं अशोक गहलोत और सचिन पायलट पार्टी फोरम के अलावा सार्वजनिक रूप से भी एक-दूसरे पर छींटाकशी करते नजर आ चुके हैं.
हर पांच साल में बदल जाती है सरकार
हालांकि संख्या बल के हिसाब से देखा जाए तो अशोक गहलोत की स्थिति बहुत मजबूत हैं, लेकिन सरकार के प्रति असंतोष जताने वाले विधायकों की संख्या भी कम नहीं है. अब देखना है कि राजस्थान में चुनाव के बाद परिणाम क्या आते हैं ? कांग्रेस के बीच अंदरूनी कलह के कारण कांग्रेस का सत्ता में वापसी का रास्ता आसान नहीं रहेगा. इसके अलावा प्रदेश के इतिहास पर नजर डालें तो यहां जनता ने हर 5 साल में सत्ता में बदलाव किया है. राजस्थान में 1993 के बाद से हर पांच साल पर प्रदेश की सरकार बदलती रही है. यहां खास बात ये हैं कि सत्ता की यह अदला-बदली सिर्फ भाजपा और कांग्रेस के बीच होती रही है.