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छात्रों की बढ़ी चिंता, झारखंड की 4 यूनिवर्सिटी पर लटकी UGC की तलवार

UGC Notice: यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने देश की 54 प्राइवेट यूनिवर्सिटी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इनमें झारखंड की कुछ यूनिवर्सिटी भी हैं. यूजीसी ने यूनिवर्सिटी को अपने बारे में सूचना सार्वजनिक नहीं करने के कारण उनसे जवाब मांग है. इससे पहले UGC ने सभी यूनिवर्सिटी को अपने संबंध में जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया था.

UGC Notice: यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने देश की 54 प्राइवेट यूनिवर्सिटी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इन यूनिवर्सिटी द्वारा पारदर्शिता से जुड़े नियम का पालन नहीं करने के बदले ये फैसला लिया गया है. दरअसल, जून 2024 में UGC द्वारा जारी नियम के अनुसार, सभी यूनिवर्सिटी को अपनी वेबसाइट पर जरूरी जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश दिया गया था. लेकिन ऐसा नहीं करने के बदले अब सभी यूनिवर्सिटी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. इनमें झारखंड की कुछ यूनिवर्सिटी भी हैं. 

झारखंड की तीन यूनिवर्सिटी शामिल

यूजीसी ने यूनिवर्सिटी को अपने बारे में सूचना सार्वजनिक नहीं करने के कारण झारखंड के चार प्राइवेट विश्वविद्यालय (Jharkhand University) को डिफॉल्टर घोषित कर दिया है. इनमें एमिटी यूनिवर्सिटी रांची (Amity University Ranchi), साईनाथ यूनिवर्सिट रांची, कैपिटल यूनिवर्सिटी कोडरमा और आइसेक्ट यूनिवर्सिटी (AISECT University) हजारीबाग शामिल हैं. 

UGC ने दिया था निर्देश 

यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालय को यूजीसी अधिनियम 1956 की धारा-13 के, तहत यूनिवर्सिटी के संबंध में विस्तृत जानकारी सार्वजनिक करने के लिए 10 जून 2024 को ही निर्देश दिया.

  • संबंधित विश्वविद्यालयों को अपनी वेबसाइट तैयार कर उसे नियमित रूप से अपडेट करने के निर्देश दिए गए थे. 
  • वेबसाइट के होम पेज पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया, ताकि विद्यार्थी, अभिभावक या कोई भी व्यक्ति बिना रजिस्ट्रेशन/लॉगिन के जानकारी देख सकें. 
  • आसान उपयोग के लिए वेबसाइट पर सर्च सुविधा उपलब्ध कराना अनिवार्य किया गया था. 
  • आवश्यक जानकारी आयोग की वेबसाइट पर निर्धारित फॉर्मेट में सॉफ्ट कॉपी के रूप में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे. 

यूनिवर्सिटी को मिलेगा एक और मौका

सभी यूनिवर्सिटी को एक बार फिर यूजीसी गाइडलाइन के तहत सूचना सार्वजनिक करने का मौका दिया जा रहा है. क्या है यूजीसी अधिनियम 1956 की धारा-13 इसके तहत यूजीसी किसी भी यूनिवर्सिटी के उसके वित्तीय, शिक्षण, परीक्षा, अनुसंधान के मानकों को सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण कर सकता है. निरीक्षण करने से पहले UGC यूनिवर्सिटी की जानकारी मांगता है, इसके बाद ही स्थल निरीक्षण किया जाता है. इसके बाद ही यूजीसी मान्यता जारी रखने या कार्रवाई करने का फैसला लेता है. 

यह भी पढ़ें- NTA का बड़ा कदम, छात्र अपडेट कर लें ये Documents, नहीं तो परीक्षा में बैठना मुश्किल

Shambhavi Shivani
Shambhavi Shivani
शाम्भवी शिवानी पिछले 3 सालों से डिजिटल मीडिया के साथ जुड़ी हुई हैं. उन्होंने न्यूज़ हाट और राजस्थान पत्रिका जैसी संस्था के साथ काम किया है. अभी प्रभात खबर की डिजिटल टीम के साथ जुड़कर एजुकेशन बीट पर काम कर रही हैं. शाम्भवी यहां एग्जाम, नौकरी, सक्सेस स्टोरी की खबरें देखती हैं. इसके अलावा वे सिनेमा और साहित्य में भी रुचि रखती हैं.

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