Success Story in Hindi: आईपीएस स्वीटी सहरावत ने पूर्णिया के नए पुलिस अधीक्षक (SP) के तौर पर पदभार ग्रहण किया. पूर्व एसपी कार्तिकेय शर्मा ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में उन्हें कार्यभार सौंपा. पद ग्रहण करने के बाद स्वीटी सहरावत ने कहा कि क्राइम कंट्रोल उनकी प्राथमिकता होगी. (IPS Sweety Sahrawat in Hindi)
14 जून को बिहार सरकार ने 18 आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया था. इसी सूची में पूर्णिया के एसपी कार्तिकेय शर्मा को पटना का एसएसपी बनाया गया. वे 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वहीं, पटना सेंट्रल की सिटी एसपी रहीं स्वीटी सहरावत को पूर्णिया की जिम्मेदारी दी गई है.
Success Story: कौन हैं आईपीएस स्वीटी सहरावत?
स्वीटी सहरावत 2019 बैच की बिहार कैडर की आईपीएस अधिकारी हैं. उन्होंने 2019 की यूपीएससी परीक्षा में 187वीं रैंक प्राप्त की थी. इससे पहले उन्होंने दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक किया. वे एक निजी कंपनी में डिजाइन इंजीनियर के तौर पर भी काम कर चुकी हैं. लेकिन अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी और यूपीएससी की तैयारी में लग गईं.
पिता की ख्वाहिश बनी सफर की प्रेरणा
स्वीटी के पिता दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल थे और 2013 में एक सड़क दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी. वे चाहते थे कि उनकी बेटी आईपीएस अधिकारी बने. पिता की इसी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए स्वीटी ने जीवन की दिशा बदली. उनके भाई हरीश सहरावत CISF में सब-इंस्पेक्टर हैं.
पहली पोस्टिंग में ही सुर्खियों में रहीं
अपनी पहली पोस्टिंग स्वीटी ने औरंगाबाद में सिटी एसपी के रूप में की थी. यहां वे पूर्व राज्यपाल और डीजीपी रह चुके निखिल कुमार से हुई नोकझोंक के कारण चर्चा में रहीं. करीब दो साल पहले हुई इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. यह घटना उस वक्त की है जब निखिल कुमार एक शिकायत लेकर SDPO आवास पहुंचे थे.
BPSC प्रदर्शन को काबू में लाकर बनीं चर्चित
70वीं BPSC के अभ्यर्थियों द्वारा पटना के गांधी मैदान और जेपी गोलंबर पर किए गए जोरदार प्रदर्शन के दौरान भी स्वीटी सहरावत चर्चा में आई थीं. हालात बेकाबू हो रहे थे, लेकिन उन्होंने वाटर कैनन और लाठीचार्ज जैसे कदम उठाकर स्थिति पर नियंत्रण पाया. इस दौरान उनकी प्रशांत किशोर से भी बहस हुई, लेकिन उन्होंने पूरे हालात को बखूबी संभाला.
अब पूर्णिया एसपी के रूप में स्वीटी सहरावत के सामने जिले में बढ़ते नशे के अपराधों को रोकने की बड़ी चुनौती होगी. लोगों को उनसे उम्मीद है कि वे महिला सुरक्षा, अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था के मोर्चे पर सख्त और असरदार फैसले लेंगी.
यह भी पढ़ें: Banasthali Vidyapeeth: 12वीं के बाद वनस्थली क्यों है बेटियों की पहली पसंद? जानिए एडमिशन से लेकर कोर्स तक