33.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

MREI : नये परिवर्तनों के अनुसार छात्रों को तैयार करना है मानव रचना शिक्षण संस्थान का लक्ष्य

बदलते दौर में छात्रों के विकास, स्किल डेवलपमेंट, सीयूईटी एवं बिहार व झारखंड के छात्रों के सामने आनेवाले चैलेंजेस पर मानव रचना यूनिवर्सिटी के चांसलर व प्रेसिडेंट डॉ प्रशांत भल्ला से प्राची खरे की बातचीत…

MREI : वर्ष 1997 में डॉ ओपी भल्ला द्वारा स्थापित किये गये मानव रचना शिक्षण संस्थान की शुरुआत एक इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट के रूप में हुई थी, लेकिन छात्रों के शैक्षणिक विकास को देखते हुए आज यहां 100 से अधिक कोर्स संचालित किये जा रहे हैं. इस संस्थान में पढ़ने वाला हर छात्र इंडस्ट्री के अनुसार खुद को तैयार कर सके, यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं डाॅ ओपी भल्ला के पुत्र एवं मानव रचना यूनिवर्सिटी के चांसलर व प्रेसिडेंट डॉ प्रशांत भल्ला. छात्रों के सामने आनेवाले चैलेंजेंस पर उनसे बातचीत के प्रमुख अंख…

  • मानव रचना शिक्षण संस्थान के सफर के बारे में बताएं?
    इस संस्थान की शुरुआत मेरे पिता स्वर्गीय ओपी भल्ला ने 1997 में की. उस वक्त नॉर्थ में कोई प्राइवेट हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन नहीं था. छात्र इंजीनियरिंग व मेडिकल की पढ़ाई करने बाहर जाते थे. इसे देखते हुए एक इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूशन के रूप में 180 छात्रों के बैच के साथ इस संस्थान की शुरुआत हुई. धीरे-धीरे अन्य कोर्स शुरू किये गये. आज यहां 100 से अधिक कोर्स संचालित होते हैं. इसके अलावा हमने स्कूल भी शुरू किये हैं.
  • झारखंड व बिहार से यहां कितने छात्र आते हैं? इन राज्यों का आपके लिए क्या महत्व है?
    झारखंड व बिहार से प्रतिवर्ष 200-250 छात्र मानव रचना में दाखिला लेते हैं. इन छात्रों को पढ़ाई का बेहतर माहौल देने के लिए एल्युमिनाई सेल, स्टूडेंट फैसिलिटेशन सेंटर, इंटरनेशनल सेंटर आदि बनाये गये हैं. ये सेल छात्रों की जरूरत को समझकर उनकी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं.
  • बिहार व झारखंड के छात्रों का किन र्कोसेज में अधिक रुझान रहता है?
    इन क्षेत्रों के छात्रों का ज्यादातर रुझान इंजीनियरिंग व कंप्यूटर एप्लीकेशन से संबंधित कोर्सेज में रहता है. कुछ टाइम से हम मैन्युफैक्चरिंग में छात्रों का रुझान बढ़ते देख रहे हैं. इंडस्ट्री की डिमांड के साथ छात्रों का रुख भी बदलता है.

इसे भी पढ़ें : DSSE Scholarship Examination : द दून स्कूल स्कॉलरशिप एग्जामिनेशन (डीएसएसई) 2025

  • टियर–2 शहरों के मेधावी छात्रों के प्रोत्साहन के लिए संस्थान किस तरह की सुविधाएं देता है?
    हमारे संस्थान में एक मेरिट ड्रिवन पॉलिसी काम करती है, जिसके अंतर्गत निर्धारित परसेंटेज प्राप्त करनेवाले छात्रों को ट्यूशन फीस में छूट का लाभ प्राप्त होता है. इसके अलावा संस्थान का एक फाउंडेशन है, जो संस्थापक डॉ ओपी भल्ला के नाम पर बना है. किसी भी कोर्स का छात्र इस फाउंडेशन की सहायता ले सकता है. संस्थान प्रतिवर्ष मानव रचना नेशनल एप्टीट्यूड टेस्ट आयोजित करता है. 2025 में यह टेस्ट 20 अप्रैल को होगा. इसमें सफल छात्र संस्थान में प्रवेश व स्कॉलरशिप प्राप्त कर सकेंगे.
  • सीबीएसई ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा वर्ष में दाे बार आयोजित करने की पॉलिसी तैयार की है. इसे आप कैसे देखते हैं?
    बोर्ड परीक्षाओं का छात्रों पर काफी दबाव रहता है. यदि इंटरनेशनल लेवल की बात करें, तो छात्रों को केवल एक फ्रेमवर्क दिया जाता है, जिसमें उनको अपने दिमाग का इस्तेमाल कर रचनात्मकता के साथ लक्ष्यों को प्राप्त करना होता है. मुझे लगता है कि नॉलेज के साथ एप्टीट्यूड पर भी छात्रों का फोकस बढ़ाना चाहिए. किसी भी परिवर्तन का उन पर दबाव नहीं बनना चाहिए.
  • सीयूईटी पर आपके क्या विचार हैं?
    हम सीयूईटी को फॉलो करते हैं, लेकिन संस्थान में एडमिशन का सिर्फ यही क्राइटेरिया नहीं है. हम विभिन्न कोर्सेज के लिए अलग-अलग परीक्षाओं को अपनाते हैं.
  • स्किल डेवलपमेंट को लेकर मानव रचना औरों से अलग कैसे है?
    स्किल डेवलपमेंट आज के दौर में बेहद महत्वपूर्ण है. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में भी इंटीग्रेशन ऑफ वोकेशनल एजुकेशन एवं मेन स्ट्रीम एजुकेशन में इस पर काम किया गया है. मानव रचना में स्किल डेवलपमेंट पर मेजर फोकस किया जाता है. संस्थान ने कई इंडस्ट्री पार्टनर को अपने साथ जोड़ा है. इनमें इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट, जीबिया, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज आदि प्रमुख हैं. संस्थान के हर कोर्स को इंडस्ट्री की डिमांड के अनुसार तैयार किया गया है और इनमें प्रोफेशनल्स को जोड़ा गया है, जो छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं. हम छात्रों को यह भी बताते हैं कि वे मेन कोर्स के साथ कैसे उससे संबंधित कोर्स करके अपनी स्किल्स को इंप्रूव कर सकते हैं. संस्थान का लक्ष्य छात्रों को नये परिवर्तनों के अनुसार भविष्य की संभावनाओं के लिए तैयार करना है.
  • मानव रचना शिक्षण संस्थान को राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए संस्थान में किस तरह की सुविधाएं हैं‍?
    शुरुआत से ही संस्थान ने इंफ्रास्ट्रक्चर व सुविधाओं के साथ कोच एवं ट्रेनिंग पर पूरा ध्यान दिया है. शूटिंग में हमने देश के टॉप शूटर्स को जोड़ा है. मनु भाकर ने हमारी एकेडमी में ट्रेनिंग की है. गगन नारंग, आशीष बेनीवाल, श्रेयशी सिंह, विजय कुमार हमारे छात्र रह चुके हैं. मैरी कॉम हमसे जुड़ी हुई हैं. स्पोर्ट्स नेशनल राइफल एसोसिएशन, स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, रेस्लिंग फेडरेशन एवं खो-खो फेडरेशन आदि से हमने खुद को जोड़ रखा है.
  • बिहार, झारखंड व अन्य टियर-2 शहरों के छात्रों के लिए सबसे बड़ा चैलेंज क्या होता है?
    यहां से आनेवाले छात्र करियर को लेकर तो फोकस्ड होते हैं, लेकिन कम्युनिकेशन व सॉफ्ट स्किल्स के मामले में मेट्रो सिटीज के छात्रों से खुद को कमजोर पाते हैं. इन छात्रों को मैं इन दो स्किल्स पर अधिक ध्यान देने की सलाह दूंगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें