Nepal Protest 2025: नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन अब सरकार विरोधी लहर में बदल चुका है. राजधानी काठमांडू में युवाओं की भारी भीड़ संसद भवन के बाहर जुटी है और प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग कर रही है. हालांकि नेपाल से पहले भी भारत के दो पड़ोसी देश हैं जो युवाओं के उग्र आंदोलनों से सत्ता परिवर्तन देख चुके हैं.
श्रीलंका: आर्थिक संकट से टूटी सरकार
साल 2022 में श्रीलंका गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा था. ईंधन, दवा और खाद्य सामग्री की भारी कमी से जनता परेशान थी और लोगों का आरोप था कि राजपक्षे परिवार के भ्रष्ट शासन ने देश को कंगाल बना दिया. जुलाई 2022 में बेरोजगारी और महंगाई से त्रस्त युवाओं ने सड़कों पर कब्जा कर लिया. राष्ट्रपति भवन और संसद के बाहर प्रदर्शनकारियों ने मोर्चा संभाल लिया. आंदोलन इतना उग्र हुआ कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा. यह घटना युवाओं की ताकत और उनके विरोध की शक्ति का सबसे बड़ा उदाहरण बनी.
बांग्लादेश: आरक्षण से शुरू हुआ और सत्ता तक पहुंचा आंदोलन
साल 2024 में बांग्लादेश में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली. यहां शेख हसीना की सरकार पर भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और दमन के आरोप लग रहे थे. जुलाई 2024 में सरकारी नौकरियों में 30% कोटा प्रणाली के खिलाफ छात्रों ने आंदोलन शुरू किया, जो जल्दी ही महंगाई और बेरोजगारी के विरोध में बड़े प्रदर्शन में बदल गया. ढाका की सड़कों पर लाखों युवाओं का सैलाब उमड़ पड़ा और पुलिस की गोलीबारी में कई लोगों की जानें भी गईं. अगस्त 2024 तक आंदोलन इतना उग्र हो गया कि प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा. इसके बाद बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने सत्ता संभाली.
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