India US Trade: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव एक बार फिर सुर्खियों में है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 6 अगस्त 2025 को घोषणा की कि भारत से आने वाले सामानों पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाया जाएगा. पहले से ही लागू 25% शुल्क के साथ मिलाकर यह कुल 50% हो गया है. अमेरिका का यह कदम भारत की रूस से तेल और सैन्य उपकरणों की खरीद को लेकर उठाया गया, जिसे वाशिंगटन रूस-यूक्रेन युद्ध में अप्रत्यक्ष समर्थन मानता है.
किन उत्पादों पर पड़ेगा असर
यह नया टैरिफ भारत के प्रमुख निर्यात क्षेत्रों जैसे टेक्सटाइल, रत्न-आभूषण, चमड़ा, झींगा और ऑटो पार्ट्स को सीधा प्रभावित करेगा. वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, भारत का अमेरिका को निर्यात लगभग 87 अरब डॉलर है, जो जीडीपी का करीब 2.5% है. अनुमान है कि इस टैरिफ से भारत का करीब 66% निर्यात प्रभावित होगा.
अमेरिका की टैरिफ नीति
अमेरिका की “रेसिप्रोकल टैरिफ” नीति के तहत, जिन देशों द्वारा अमेरिकी उत्पादों पर अधिक शुल्क लगाया जाता है, उन पर अमेरिका भी जवाबी टैरिफ लागू करता है. उदाहरण के लिए, अफ्रीकी देश लेसोथो पर अमेरिका ने पहले ही 50% टैरिफ लगा रखा है, जो सबसे अधिक है. अब भारत भी उसी श्रेणी में शामिल हो गया है.
भारत कितना टैरिफ लगाता है अमेरिका पर?
भारत अमेरिकी उत्पादों पर औसतन 10–20% टैरिफ लगाता है. यह दर उत्पादों के अनुसार अलग-अलग है. 2018 में भारत ने अमेरिकी स्टील और एल्यूमीनियम पर जवाबी टैरिफ लगाया था, जब अमेरिका ने उन पर क्रमशः 25% और 10% शुल्क लगाया था.
क्या भारत बढ़ा सकता है टैरिफ?
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत जवाबी कदम के रूप में अमेरिकी कृषि उत्पादों, टेक्नोलॉजी और अन्य उपभोक्ता वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ा सकता है. हालांकि, भारत का निर्यात अमेरिका की तुलना में अधिक है, जिससे टैरिफ युद्ध की स्थिति में नुकसान भारत को ही ज्यादा हो सकता है.
भारत अमेरिका को क्या बेचता है?
भारत अमेरिका को फार्मा उत्पाद, रत्न-आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्र-परिधान, पेट्रोलियम उत्पाद, इंजीनियरिंग सामान, बासमती चावल, हस्तशिल्प, होम डेकोर, चमड़ा, फुटवियर और सीफूड का निर्यात करता है.

