Education News: पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शरद कुमार यादव ने बताया कि खेल को बढ़ावा देने और मेधावी खिलाड़ियों को सम्मान देने के लिए यह पहल की जा रही है. उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स कोटे के तहत एडमिशन के लिए छात्रों को कम-से-कम जिला स्तर पर पदक विजेता होना अनिवार्य होगा, जबकि राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाग लेने वालों को प्राथमिकता दी जायेगी. इसका ट्रायल होगा. ट्रायल के बाद एडमिशन होगा. पीपीयू के अधिकारियों ने बताया कि स्पोर्ट्स कोटे में एडमिशन होने से हरेक कॉलेजों में 25 से 35 सीटें खिलाड़ियों के लिए आरक्षित रहेगी. इससे एएन कॉलेज, कॉलेज ऑफ कॉमर्स, जेडी वीमेंस के साथ अन्य सभी कॉलेजों में इसका फायदा मिलेगा.
स्पोर्ट्स कोटे के तहत पहले नहीं होता था एडमिशन
खेल कोटे के तहत रिजर्व की गयी सीटें विश्वविद्यालय के सभी अंगीभूत और संबद्ध कॉलेजों में लागू होंगी. इसके लिए विश्वविद्यालय अलग से दिशा-निर्देश जारी करेगा, जिसमें पात्रता, दस्तावेजीकरण और चयन प्रक्रिया स्पष्ट रूप से उल्लेखित होगा. खेल व खिलाड़ियों के लिए हमेशा से संघर्ष करने वाले सीनेट सदस्य राधे श्याम ने कहा कि पीपीयू ही एक ऐसा यूनिवर्सिटी था, जहां स्पोर्ट्स कोटे के तहत एडमिशन नहीं होता था. लगातार सीनेट में मुद्दा उठाया गया, लेकिन बातें नहीं सुनी गयी. इस बार बातें सुनी गयी है. विश्वविद्यालय के इस फैसले का स्वागत करता हूं. उनका मानना है कि इससे राज्य के युवाओं को खेल के साथ-साथ पढ़ाई में भी आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा. साथ ही इससे विश्वविद्यालय में खेल संस्कृति को भी बल मिलेगा.
पीपीयू में अब सभी एडमिशन प्रक्रिया केंद्रीयकृत होगा
पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी में अगले सत्र से यूजी और पीजी में केंद्रीयकृत नामांकन होगा. स्पॉट राउंड में भी केंद्रीयकृत नामांकन होगा. केंद्रीयकृत नामांकन पर सीनेट में मुहर लग गयी. कुलसचिव प्रो एनके झा ने सीनेट बताया कि पीजी नामांकन में कई कॉलेजों से शिकायत मिली थी. वर्तमान में यूजी कोर्स में एक लाख 20 हजार से अधिक सीटें हैं, पर पीजी में सिर्फ 8 हजार सीटें हैं. अभी कॉलेजों में ही पीजी संचालित हो रहा है. वोकेशनल कोर्स एग्जाम के आधार पर एडमिशन होगा. वोकेशनल कोर्स में निजी व सरकारी कॉलेजों में पांच हजार से अधिक सीटें निर्धारित है.