Bhai Dooj Essay 2025 in Hindi: दीपों की रौशनी से सजी गलियों, सजे हुए आंगनों और मुस्कुराते चेहरों के बीच जब बहनें थाली सजाती हैं और भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं, तो समझिए भाई दूज का दिन आ गया है. यह सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि भावनाओं का उत्सव है- जहां प्रेम, अपनापन और सुरक्षा का वादा एक साथ निभाया जाता है. अगर आप भी भाई दूज पर एक निबंध (Bhai Dooj Essay 2025) तैयार करना चाहते हैं तो यहां देख सकते हैं.
भारत में हर त्योहार अपने साथ एक खास संदेश लेकर आता है. इन्हीं में से एक है भाई दूज, जो भाई और बहन के अटूट रिश्ते को समर्पित पर्व है. यह त्यौहार दीपावली के दो दिन बाद मनाया जाता है और इसे भैया दूज, यम द्वितीया या भ्रात द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है. भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के बीच प्रेम, स्नेह और एक-दूसरे के प्रति जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करता है.
Bhai Dooj Importance: भाई दूज का महत्व
निबंध की शुरआत में भाई दूज के महत्व को विस्तार से बताएं. भाई दूज का संबंध यमराज और यमुनाजी की पौराणिक कथा से जुड़ा है. कहा जाता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए थे, जहां यमुना ने उनका तिलक किया और स्वादिष्ट भोजन कराया. इस पर यमराज ने वचन दिया कि जो बहन इस दिन अपने भाई का तिलक करेगी, उसके भाई की रक्षा स्वयं यमराज करेंगे. तभी से यह परंपरा चली आ रही है.
भाई दूज के दिन घरों में खुशी का माहौल होता है. बहनें थाली सजाती हैं, जिसमें रोली, चावल, मिठाई और दीपक रखा जाता है. भाई तिलक करवाकर बहन से आशीर्वाद लेता है. इस दिन सभी परिवारजन एक साथ बैठकर स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेते हैं. दीपावली की रौनक के बाद भाई दूज का यह पावन दिन रिश्तों में मिठास घोल देता है और हर भाई-बहन के चेहरे पर मुस्कान बिखेर देता है.
भाई दूज कैसे मनाया जाता है
भाई दूज का त्योहार पूरे भारत में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, लेकिन इसका भाव हर जगह एक जैसा होता है. इस दिन बहनें स्नान कर पूजा की थाली सजाती हैं, जिसमें रोली, चावल, मिठाई और दीपक रखा जाता है. भाई को तिलक लगाने के बाद आरती उतारी जाती है और मिठाई खिलाई जाती है. बदले में भाई अपनी बहन को उपहार और आशीर्वाद देता है. यह पर्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव का भी प्रतीक है.
कई राज्यों में भाई दूज को भैया टीका, भाऊ बीज और भ्रात द्वितीया के नाम से जाना जाता है. महाराष्ट्र और गोवा में इसे भाऊबीज कहा जाता है. नेपाल में भी यह पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन भाई और बहन एक-दूसरे से दूर भी हों, तो वे वीडियो कॉल या संदेश के जरिए यह पर्व मनाते हैं.
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